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रेरा में रियल एस्टेट परियोजनाओं के एजेंटों का पंजीयन अनिवार्य

रायपुर 12 अप्रैल।छत्तीसगढ़ भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने रियल एस्टेट की परियोजनाओं के पंजीयन के साथ-साथ उन परियोजनाओं से संबंधित एजेंटों (ब्रोकरों) का भी पंजीयन अनिवार्य कर दिया है।

रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांड ने आज बताया कि भू-सम्पदा विनियामक अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है। इसके पीछे मंशा यह है कि एजेंटों के माध्यम से मकान आदि सम्पत्ति खरीदने पर ग्राहकों के हितों की सुरक्षा हो सके।उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ रेरा के गठन के तुरंत बाद फरवरी 2018 से ही राज्य की रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीयन शुरू कर दिया गया है। अब तक एजेंट पंजीयन के लिए प्राप्त सभी 68 आवेदनों का पंजीयन किया जा चुका है और उन्हें पंजीयन नम्बर भी जारी कर दिए गए हैं।

उन्होने बताया कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रमोटरों के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपना लेन-देन सिर्फ पंजीकृत एजेंटों के माध्यम से ही करें।उन्होने सभी एजेंटों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द रेरा कार्यालय में अपना पंजीयन करवा लें। इसके साथ ही रेरा अध्यक्ष ने मकान आदि खरीदने वालों से भी आग्रह किया है कि वे सिर्फ पंजीकृत एजेंटों से ही अपना संव्यवहार करें।

उन्होंने बताया कि रियल एस्टेट परियोजनाओं के प्रमोटरों के पंजीयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पहले ही जारी कर दी गई थी। एजेंटों के पंजीयन के लिए भी रेरा ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी जारी कर दी है। अगर कोई एजेंट रजिस्ट्रेशन कराए बगैर काम कर रहा हो तो इसे भू-सम्पदा विनियामक अधिनियम का उल्लंघन मानकर उस पर प्रतिदिन दस हजार रूपए का जुर्माना भी किया जाएगा।