दुनियाभर में आज का दिन विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। एड्स एक गंभीर बीमारी है, जिससे दुनियाभर में कई सारे लोग प्रभावित है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी इसे ज्यादा खतरनाक बनाती है। ऐसे में लोगों को इसके प्रति ज्यादा जागरूक बनाने के मकसद से हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसे समय रहते इलाज कर काफी हद तक कंट्रोल किया सकता है।
हालांकि, इसे लेकर आज भी लोगों में मन में कई ऐसे मिथक मौजूद है, जिनकी वजह से यह बीमारी आज भी समाज में एक टैबू बनी हुई है। आज वर्ल्ड एड्स डे के मौके पर हम आपको बताएंगे एड्स से जुड़े कुछ ऐसे ही मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में, जिसे जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
क्या है एचआईवी और एड्स?
एचआईवी एक वायरस है, जो एक्वायर्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम यानी एड्स का कारण बनता है। यह वायरस हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है, जिससे शरीर के लिए संक्रमण और कैंसर समेत कई बीमारियों से बचाव करना मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़े कुछ आम मिथक और उनकी सच्चाई-
मिथक 1: एचआईवी सिर्फ कुछ यौन रुझानों (S*xual Orientations) को प्रभावित करता है।
फैक्ट: यह पूरी तरह से गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति भले ही वह किसी भी लिंग या यौन रुझान का हो, एचआईवी से संक्रमित हो सकता है।
मिथक 2: अगर आपको एचआईवी है, तो आपको व्यायाम करने से बचना चाहिए।
फैक्ट: ऐसा बिल्कुल नहीं है। व्यायाम आपको सेहतमंद बनाने का अच्छा तरीका है। एचआईवी होने पर भी यह आपके स्वास्थ्य की रक्षा करने का एक अच्छा तरीका है। इसकी मदद से आप थकानसे बच सकते हैं, भूख में सुधार कर सकते हैं, तनाव कम कर सकते हैं। साथ ही यह आपकी मांसपेशियों और हड्डियों की रक्षा कर सकता है।
मिथक 3: अगर दोनों पार्टनर एचआईवी पॉजिटिव हैं, तो कंडोम की कोई जरूरत नहीं है।
फैक्ट: यह धारणा पूरी तरह गलत है। जो लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, उन्हें अभी भी अन्य एसटीआई (जिसे यौन संचारित रोग या एसटीडी के रूप में भी जाना जाता है) का खतरा हो सकता है। इसलिए असुरक्षित यौन संबंध से बचना चाहिए।
मिथक 4- एचआईवी के इलाज के लिए प्रतिदिन बहुत सारी गोलियां लेने की जरूरत होगी।
फैक्ट: कई समय पहले, एचआईवी से पीड़ित लोगों को बहुत सारी गोलियां यानी दवाई लेने की जरूरत होती थी, लेकिन अब एचआईवी का इलाज ले रहे ज्यादातर लोग रोजाना सिर्फ 1 से 2 गोलियां ही लेते हैं।
मिथक 5: आप किसी को देखकर बता सकते हैं कि वह एचआईवी पॉजिटिव है।
फैक्ट: आप एचआईवी पॉजिटिव लोगों की पहचान उनके लक्षणों से नहीं कर सकते। दरअसल, ऐसे लोगों में कोई विशिष्ट लक्षण नहीं होते हैं या फिर अन्य स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत देने वाले लक्षण हो सकते हैं।