चारधाम शीतकालीन यात्रा शुरू करने की पहल को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मां यमुना के शीतकालीन प्रवास खरशाली गांव पहुंचे। उन्होंने सुबह मां यमुना व राजराजेश्वरी सिद्ध पीठ की पूजा अर्चना कर शनिदेव महाराज मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद वह गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास मुखबा के लिए रवाना हुए।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने स्थानीय लोगों व पुरोहित समाज से भी शीतकालीन चारधाम यात्रा में आने के लिए अपने-अपने यजमानों व अन्य को प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा का महत्व व फल ग्रीष्मकाल से अधिक शीतकाल में होता है।
इस मौके पर पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, पवन उनियाल, सुरेश उनियाल, सूरज तोमर, यशपाल राणा, प्यारे लाल उनियाल,बागेश्वर उनियाल सुभाष उनियाल, आशुतोष, कुलदीप, अरुण उनियाल आदि मौजूद थे
इतिहास में पहली बार हो रहा ऐसा
आदिगुरु शंकराचार्य परंपरा के इतिहास में यह पहला अवसर है जब ज्योतिषपीठ के आचार्य चारधामों के पूजा स्थलों की तीर्थ यात्रा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि उनकी तीर्थ यात्रा से चारधामों में शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा मिलेगा।
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