उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सबसे पहले देश को महत्व देना चाहिए। वात्सल्य ग्राम वृन्दावन में साध्वी ऋंतंभरा के जीवन के 60 वर्ष पूरे होने पर आयोजित षष्ठी पूर्ति महोत्सव में सोमवार को बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए देश के बाद ही धर्म, परिवार और अंत में व्यक्तिगत आवश्यकता होनी चाहिए। इस भाव 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र की कल्पना साकार हो सकेगा। इसके लिए सबको एकजुट होकर कार्य करना होगा। योगी ने लोगों को पंच प्रण गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, विकसित भारत, विरासत पर गर्व, एकता एवं एकजुटता और नागरिक कर्तव्य की शपथ भी दिलाई।
इस अवसर पर उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, जो लोग अयोध्या जाने से संकोच करते थे। वह अब कह रहे हैं कि उन्हें निमंत्रण नहीं मिला। उन्होंने कहा कि महायोगी की नगरी मथुरा की पहचान अब बेटियों से भी होगी। इस सैन्य विद्यालय में सीबीएसई पाठ्यक्रम के साथ सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस सैन्य विद्यालय में 120 सीटें हैं। आगामी 21 जनवरी को लिखित परीक्षा होगी, जिसमें सफल अभ्यर्थियों की ई-काउंसलिंग होगी और मेरिट लिस्ट बनेगी। इसका सत्र अप्रैल से शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री का आभार सैनिक स्कूलों में बालिकाओं का प्रवेश होने अनुमति देने के लिए व्यक्त किया।
सीएम ने कहा कि देश के अंदर सैनिक स्कूलों की परंपरा उत्तर प्रदेश में 1960 में प्रारंभ हुई थी जब डा0 संपूर्णानंद मुख्यमंत्री थे तथा देश का पहला सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थापित किया गया था। उन्होने बताया कि 2017 में लखनऊ के सैनिक स्कूल में जाने का अवसर उन्हे प्राप्त हुआ क्योंकि सैन्य स्कूल की समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री होता है, उस समय मैने वहां पूछा था कि क्या यहां बालिकाओं को भी प्रवेश मिलता है। नकारात्मक उत्तर आने पर उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री से अनुरोध किया था उसके बाद से सैनिक स्कूलों में बालिकाओं को भी प्रवेश मिलने लगा। योगी ने कहा कि सैनिक स्कूल लखनऊ को इस बात का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ है कि देश के सेवा का सर्वोच्च मेडल परमवीर चक्र वहां के ही एक छात्र मनोज पांडे को मिला है, जो कारगिल की युद्ध में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। उनकी सरकार ने लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम कैप्टन मनोज पांडे के नाम पर कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन जब चल रहा था, पूज्य संतों के सानिध्य में राष्ट्र स्वयंसेवक संघ के मार्गदर्शन में विश्व हिंदू परिषद इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान कर रहा था। उस समय सब यह बात कहते थे कि श्री राम जन्मभूमि का समाधान भारतवासी स्वयं कर लेंगे। जिस दिन हर सनातन धर्म स्वावलंबी एक स्वर से अयोध्या की ओर जय श्री राम की हुंकार करेगा उस दिन श्री राम जन्मभूमि का मार्ग अपने आप प्रशस्त हो जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज सैनिक स्कूल बालक- बालिकाओं के मन में सेना का अनुशासन ला रहे हैं। जीवन का यह अनुशासन और सैन्य शक्ति का अनुशासन सबको आगे बढ़ाने में मदद करेगा और भारत की शक्ति का एहसास दुनिया को कराएगा।