कोरोना महामारी एक बार फिर लोगों को डराने लगी है। बीते महीने सामने आए कोविड-19 (covid-19) के नए वेरिएंट ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। दुनिया के कई देशों से लगातार कोविड-19 जेएन.1 (covid-19 JN.1) के मामले सामने आ रहे हैं। खुद भारत में भी इसके मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। बीते कुछ समय से देशभर में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी बीच अब हाल ही में इस बीमारी को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
हाल ही में आई इस स्टडी में यह पता चला कि कैसे कोविड-19 आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इस नवीनतम अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने सिजोफ्रेनिया, और गंभीर कोविड -19 संक्रमण के बीच एक संबंध पाया है। आइए जानते हैं इस स्टडी और सिजोफ्रेनिया के बारे में विस्तार से-
क्या कहती है स्टडी
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस ताजा अध्ययन में, अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को कोविड-19 संक्रमण हुआ था, उनमें सिजोफ्रेनिया से पीड़ित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में चार गुना ज्यादा थी, जो इससे वायरस से संक्रमित नहीं थे।
सिजोफ्रेनिया क्या है?
मायो क्लिनिक के मुताबिक सिजोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति का वास्तविकता से संपर्क टूट जाता है और इसका सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके पर असर पड़ता है। इस मानसिक विकार से पीड़ित व्यक्ति को ऐसी चीजें दिखाई या सुनाई देती हैं, जिसकी वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता। इसकी वजह से व्यक्ति के सामान्य जीवन और रोजमर्रा के कामों में बाधा आती है।
सिजोफ्रेनिया के लक्षण
भ्रम होना
ऐसी चीजें दिखाई या सुनाई देना, जो असल जीवन में नहीं हैं
बोलने में तकलीफ
हर समय डर लगना या घबराना
डिप्रेशन
एंग्जायटी
अकेले रहना
नशीले पदार्थों का इस्तेमाल
पर्सनल हाइजीन की अनदेखी
अजीब मूवमेंट करना
सिजोफ्रेनिया के कारण
अध्ययनों की मानें तो सिजोफ्रेनिया की बीमारी पर्यावरणीय कारक और कुछ न्यूरोलॉजिकल स्थिति के अलावा आनुवंशिकता की वजह से भी हो सकती है। इसके अन्य कारणों में निम्न हैं-
करियर की चिंता
लाइफस्टाइल में बदलाव
परिवार या रिश्ता टूटना
पैसा कमाने की होड़
घरेलू जिम्मेदारियां