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जानें क्या है I.N.D.I.A के नेताओं का 22 जनवरी का प्रोग्राम

आज पूरा देश राममय नजर आ रहा है, चंद ही घंटों में प्राण प्रतिष्ठा की विधि-विधान शुरू हो जाएगी। हर तरफ राम नाम का जाप और भजन सुनाई दे रहा है। हर एक शख्स अपने-अपने तरीके से इस उत्सव को मनाने की कोशिश कर रहा है।

आज पूरा देश प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने को तैयार हैं, यहां तक कि सात हजार से अधिक मेहमानों को निमंत्रण भेजा गया है, जो शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। हालांकि, इसी बीच कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे पॉलिटिकल इवेंट बताकर कार्यक्रम से दूरी बना ली है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उनके बयान सामने आए थे। वहीं, कुछ विपक्षी नेताओं ने अपना कार्यक्रम आयोजित किया है।

कांग्रेस पार्टी

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन इन लोगों ने समारोह से दूरी बनाने का एलान कर दिया। वहीं, राहुल गांधी भी आज असम में हैं, तो वह कामाख्या देवी मंदिर जाकर दर्शन कर सकते हैं। इसके साथ ही, पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा है कि राहुल गांधी तय कार्यक्रम के मुताबिक नगांव जिले में स्थित वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान बोर्दोव थान जाकर भी दर्शन करेंग।

टीएमसी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया था। हालांकि, उन्होंने भी कार्यक्रम से दूरी बना ली है और बताया जा रहा है कि वह कोलकाता के कालीघाट मंदिर जाकर दर्शन-पूजन करेंगी।

साथ ही, आज कोलकाता में सद्भावना रैली निकाली जाएगी, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल होने वाले हैं। इस रैली की खास बात यह होगी कि यह मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा हर एक धार्मिक स्थल से होकर गुजरेगी।

शिवसेना (यूबीटी)

शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे राजनीतिक कार्यक्रम बताकर इससे दूरी बना ली है। वह आज शाम को नासिक के कालाराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचेंगे। साथ ही, वह कालाराम मंदिर की महाआरती में शामिल होंगे। मालूम हो कि भगवान राम का यह मंदिर दलितों के मंदिर प्रवेश करने के आंदोलन का प्रतीक माना जाता है। आज उद्धव ठाकरे विनायक दामोदर सावरकर की जन्मस्थली भी जा सकते हैं।

आम आदमी पार्टी

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक भी अयोध्या नहीं जाएंगे। आज के दिन वह दिल्ली में शोभायात्रा निकालेंगे। इस यात्रा में अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। साथ ही, पार्टी की ओर से पूरी दिल्ली में अलग-अलग जगह भंडारा भी कराया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही दिल्ली के प्यारेलाल भवन में रामलीला हो रही है, 20 जनवरी को शुरू हुई थी।

बहुजन समाज पार्टी

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को भी मंदिर ट्रस्ट की ओर से न्योता भेजा गया है। हालांकि, इसके लिए उन्होंने मंदिर ट्रस्ट का आभार जताया है, लेकिन उनका कहना है कि पार्टी व्यस्तता के कारण वह समारोह में शामिल नहीं हो सकती हैं। वह 22 जनवरी के बाद रामलला के दर्शन करने के लिए अयोध्या जरूर जाएंगी।

समाजवादी पार्टी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी 22 जनवरी का न्योता दिया गया था, लेकिन उन्होंने समारोह में जाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा न्योता देने के लिए मंदिर ट्रस्ट का धन्यवाद, लेकिन वह 22 जनवरी के बाद सपरिवार दर्शन करने के लिए अयोध्या जरूर जाएंगे।

राष्ट्रीय जनता दल

आरजेडी प्रमुख लालू यादव को भी प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस कार्यक्रम में जाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है कि आखिर उन्होंने न्योता क्यों ठुकरा दिया था।

जनता दल यूनाइटेड

जेडीयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी राम मंदिर की ओर से न्योता भेजा गया था। इस बात की जानकारी पार्टी के नेता की ओर से दी गई थी। हालांकि, इस बात पर चुप्पी बनी हुई है कि आखिर वह समारोह में शामिल होंगे या नहीं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी मंदिर ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख को चिट्ठी लिखकर आभार जताते हुए कहा कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे, लेकिन वह अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जरूर आएंगे। उस समय तक मंदिर निर्माण भी पूरा हो जाएगा।

वंचित बहुजन आघाडी

वीबीए के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर को भी 22 जनवरी का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि भाजपा और आरएसएस ने इसे पॉलिटिकल कैंपेन बना दिया है।