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छत्तीसगढ़: सेक्शन कमांडर और आरपीसी सीएनएम सदस्य ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़: सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सल पंथ से तौबा कर पुलिस के समक्ष दो नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। पुलिस के मुताबिक, रोनी पदम को वर्ष 2004 में बाल संगम सदस्य के रूप में भर्ती किया गया। वर्ष 2005 में सीएनएम सदस्य के रूप में काम किया।

बीते दिनों बीजापुर पुलिस के प्रयासों से भैरमगढ़ एरिया प्लाटून सेक्शन कमांडर और आरपीसी सीएनएम सदस्य ने सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होते हुए नक्सल पंथ से तौबा कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उक्त दोनों नक्सली कई महत्वपूर्ण घटनाओं में शामिल थे। 

रोनी पदम की क्राइम कुंडली
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को भैरमगढ़ एरिया कमेटी के प्लाटून नंबर 13 बी सेक्शन कमांडर रोनी पदम उर्फ जैनी पति अनिल पदम उर्फ छोटू उम्र 32 निवासी पुनेम पारा पालनार थाना गंगालूर – पालनार आरपीसी सीएनएम सदस्य अनिल पदम पिता कोवा उम्र 24 निवासी पालनार पटेलपारा थाना गंगालूर ने बीजापुर पुलिस अधीक्षक आंजनेय वाष्णेय व पुलिस के आला अफसरों के समक्ष राज्य सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर दिया।

पुलिस के मुताबिक, रोनी पदम को वर्ष 2004 में बाल संगम सदस्य के रूप में भर्ती किया गया। वर्ष 2005 में सीएनएम सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्ष 2006 में पालनार जीआरडी सदस्य के रूप में कार्य किया। वर्ष 2007 में उसूर एलओएस पीएलजीएस सदस्य के रूप में काम किया। वर्ष 2010 से 2014 तक सीआरबी दलम के प्लाटून नंबर 22 में पीपीएम के पद व प्लाटून नम्बर 22 बी सेक्शन के कमांडर के रूप में काम किया। रोनी वर्ष 2009 में नीलमडगू पुलिस नक्सली मुठभेड़ की घटना में शामिल थी।

वहीं  वर्ष 2013 में कोकरा के मुठभेड़ की घटना और वर्ष 2015 में बेचापाल मुठभेड़ की घटना में शामिल रही। दूसरी तरफ अनिल पदम वर्ष 2007 से 2010 तक ग्राम पालनार का बाल संगम सदस्य के पद पर संगठन में भर्ती किया गया। वर्ष 2011 में बाल संगम सदस्य के पद से पालनार आरपीसी सीएनएम सदस्य के पद पर पदोन्नत किया गया।

वर्ष 2023 तक पालनार आरपीसी सीएनएम सदस्य के पद पर पालनार आरपीसी भूमकाल मिलिशिया सदस्यों के साथ संत्री ड्यूटी करता था। अनिल पदम वर्ष 2020 में पुलिस पार्टी को नुकसान पहुचाने गंगालूर मार्ग में प्रेशर आईईडी लगाने और ब्लास्ट की घटना में शामिल रहा। वर्ष 2020 गंगालूर से चेरपाल जाने वाली सड़क पर गड्डा खोदकर मार्ग अवरुद्ध करने की घटना में शामिल था। उक्त नक्सली दंपति को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन के लिए शासन की आत्मसमर्पण व पुर्नवास नीति के तहत 25 -25 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि दी गई है।