नई दिल्ली 08 जुलाई।समाजवादी पार्टी ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार का समर्थन किया है।विधि आयोग के साथ अपनी बैठक के दौरान पार्टी ने कहा कि 2019 से लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक ही साथ कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जानी चाहिए।
विधि आयोग लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक ही साथ कराने की संभावना का पता लगाने के लिए आज दूसरे दिन भी राजनीतिक दलों के साथ सलाह-मशविरा कर रहा है।बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि अगर जन प्रतिनिधि पार्टी बदलते हैं या सांसदों और विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता बी. विनोद कुमार ने भी एक ही साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया।जबकि डी.एम.के. ने एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रस्ताव का विरोध किया है। पार्टी ने कहा है कि इससे संघीय ढांचा बर्बाद हो जायेगा।
शिरोमणि अकाली दल ने इससे पहले कल एक राष्ट्र एक चुनाव विचार का समर्थन किया। ऑल इंडिया अन्ना डी एम के ने कहा कि वह एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार के खिलाफ नहीं है, लेकिन पहले कुछ व्यावहारिक और गंभीर मुद्दों को निपटाना जरूरी है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने एक राष्ट्र एक चुनाव के विचार का विरोध किया।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने विचार पेश करने के लिए आयोग से कुछ और समय मांगा है जबकि कांग्रेस ने कहा है कि वह किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले अन्य विपक्षी दलों से इस बारे में सलाह-मशविरा करेगी।
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