टीडीएस संग्रह में मुंबई पहले, हैदराबाद दूसरे स्थान, भुवनेश्वर चौथे और चेन्नई पांचवें स्थान पर है। अकेले कानपुर नगर में इस बार 4835 करोड़ रुपये टीडीएस जमा हुआ है।
आयकर विभाग की ओर से लगातार लाई जा रही पारदर्शिता और सरलीकरण की प्रक्रिया के चलते कानपुर रीजन (पश्चिमी उप्र व उत्तराखंड) ने टीडीएस संग्रह में रिकाॅर्ड बनाया है। सीआईटी टीडीएस रीजन में पिछले साल की तुलना में 5111 करोड़ अधिक जमा हुआ है। रीजन में टीडीएस जमा करने की ग्रोथ रेट 19.18 प्रतिशत रही। रीजन को देश में तीसरा स्थान मिला है। पिछले साल पांचवें स्थान पर था। वहीं मुंबई को पहला, हैदराबाद को दूसरा, भुवनेश्वर को चौथा और चेन्नई को पांचवां स्थान मिला है।
सीआईटी टीडीएस (टैक्स डिडेक्टेड ऐट सोर्स) कानपुर रीजन में 2021-22 में 12433 करोड़ आया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 19635 करोड़ जमा हुआ था। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 16390 करोड़ का लक्ष्य तय था। इसके सापेक्ष 21500 करोड़ टीडीएस जमा हुआ है। कानपुर नगर में भी टीडीएस संग्रह बढ़ा है। पिछले साल 3572 करोड़ रुपये टीडीएस जमा हुआ था। इस बार 4835 करोड़ रुपये आया है।
देश में टॉप 10 टीडीएस संग्रह का प्रतिशत रीजन वार
1- सीआईटी टीडीएस मुंबई – 23.19
2- सीआईटी टीडीएस हैदराबाद – 23.09
3- सीआईटी टीडीएस कानपुर – 19.18
4- सीआईटी टीडीएस भुवनेश्वर – 19.06
5- सीआईटी टीडीएस चेन्नई – 18.33
6- सीआईटी टीडीएस पुणे 18.16
7- सीआईटी टीडीएस चंडीगढ़ 17.87
8- सीआईटी टीडीएस बंगलुरू – 17.83
9- सीआईटी टीडीएस पटना – 16.82
10- सीआईटी टीडीएस कोलकाता – 15.93
कानपुर रीजन में कुल जमा हुआ आयकर
वर्ष लक्ष्य आयकर जमा हुआ
2020-21 17370 17406 करोड़
2021-22 26200 30271 करोड़
2022-23 36000 35500 करोड़
2023-26 39000 36000 करोड़
करदाता भी बढ़ रहे
कानपुर में 20 लाख से ज्यादा आयकरदाता हो गए हैं। कानपुर रीजन में 68 लाख से ज्यादा आयकर दाता हैं। पिछले साल की तुलना में कानपुर नगर और कानपुर रीजन में 10-15 प्रतिशत की दर से करदाता बढ़े हैं।
इन बदलावों से सरकार जीत रही भरोसा
- नई कर व्यवस्था को सरकार ने लागू किया है। नई रिजीम में सात लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
- फार्म 26 एस की व्यवस्था से विभाग को हर निवेश, उच्च लेनदेन पर जानकारी देना जरूरी है।
- अब आयकर विभाग किसी भी व्यक्ति की आय से जुड़ी हर जानकारी पर नजर रखता है।
- आयकर के रिटर्न ऑनलाइन हो गए हैं। कोई भी कहीं से अपना रिटर्न दाखिल कर सकता है।
- रिफंड अब कुछ दिनों में ही आ जाता है। फेसलेस से अपील प्रक्रिया सरल हो गई है।
- आयकर के रिटर्न सरल कर दिए गए हैं जो करदाता खुद आसानी से भर लेते हैं।
- डिस्क्लोजर योजना लाई गई। लोगों ने अपनी आय दिखानी शुरू की।
- अपील विवाद समाधान योजना से बड़ा असर देखने को मिल रहा है।
- विभाग सर्वे के साथ ही आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।
- टीडीएस जमा करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जा रहा है।
पहले लोग कर सलाहकारों तक से सूचना छिपाते थे, लेकिन अब सूचना देते हैं। आयकर विभाग की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। रिफंड जल्दी मिलता है। जिसका लाभ आयकर संग्रह बढ़ने के रूप में देखने को मिल रहा है। करदाता भी बढ़ रहे हैं।- आशीष गुप्ता, वरिष्ठ कर अधिवक्ता
आयकर विभाग में कामकाज आसान हो गया है। लोगों का विश्वास बढ़ रहा है। स्क्रूटनी, रिफंड की प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी हो गई है। इसका असर कर संग्रह और बढ़ते आयकर रिटर्न के रूप में देखने को मिल रहा है।- वैभव अग्निहोत्री, पूर्व चेयरमैन, भारतीय कंपनी सचिव संस्थान, कानपुर चैप्टर