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डीवाई चंद्रचूड़ बोले- देश आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव को तैयार

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच के लिए यह बदलाव करना बहुत जरूरी था। संसद द्वारा नए कानूनों पर मुहर लगाना इस बात का संकेत है कि देश बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक न्याय कानूनों को समाज के लिए एक ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने शनिवार को कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है। वहीं, उन्होंने नागरिकों से आम चुनाव में मतदान करने का अवसर न चूकने का आग्रह किया।

एक नए युग में बदल दिया
सीजेआई चंद्रचूड़ अपराध के न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत के प्रगतिशील मार्ग पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए कानून तब सफल होंगे, जब हम इसे स्वीकार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि नए लागू कानूनों ने आपराधिक न्याय पर भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है।

यह बदलाव करना बहुत जरूरी था
उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच के लिए यह बदलाव करना बहुत जरूरी था। सीजेआई ने आगे कहा कि संसद द्वारा नए कानूनों पर मुहर लगाना इस बात का संकेत है कि देश बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है तथा मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए उसे नए कानूनी उपायों की आवश्यकता है।

सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। गौरतलब है, देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नए अधिनियम- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय सक्षम अधिनियम एक जुलाई से लागू होंगे। हालांकि, वाहन चालकों द्वारा हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधान को तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। बता दें, तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दी थी।

मतदान करने का अवसर न छोड़े लोग
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने नागरिकों से आम चुनाव में मतदान करने का अवसर न चूकने का आग्रह करते हुए कहा है कि संवैधानिक लोकतंत्र में यह सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के ‘माई वोट माई वॉयस’ मिशन के लिए एक वीडियो संदेश में कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिक हैं, जो कि हमारा देश है। उन्होंने कहा कि संविधान नागरिक के रूप में हमें कई अधिकार देता है, लेकिन साथ ही यह भी अपेक्षा करता है कि हर कोई उसे सौंपा गया अपना कर्तव्य निभाए। संवैधानिक लोकतंत्र में नागरिकता के सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्यों में से एक कर्तव्य वोट डालना है।

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा, ‘मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि कृपया हमारी महान मातृभूमि के नागरिक के रूप में जिम्मेदारी से मतदान करने का यह अवसर न चूकें। हर पांच साल में पांच मिनट, हमारे देश के लिए। यह किया जा सकता है, है ना? आइए, गर्व के साथ मतदान करें। मेरा वोट, मेरी आवाज।’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकार चुनने में नागरिकों की सहभागी भूमिका होती है और इसलिए कहा जाता है कि यह सरकार लोगों की, लोगों द्वारा और लोगों के लिए सरकार है। सीजेआई ने बताया कि जब वह पहली बार मतदाता बने थे और मताधिकार का उपयोग करने के लिए मतदान केंद्र में कतार में खड़े हुए थे, तब वह कितने उत्साहित थे। उन्होंने कहा, ‘जब मैं वोट देता हूं तो अंगुली पर लगने वाली स्याही देशभक्ति और राष्ट्र के साथ जुड़ाव की जबरदस्त भावना पैदा करती है।’

वोट डालने से कभी नहीं चूके
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘इसलिए हमारा संविधान और हमारा कानून एक नागरिक, एक वोट और एक मूल्य का प्रावधान करता है। मुझे लगता है कि संवैधानिक लोकतंत्र के रूप में यह हमारे देश की महान दृढ़ता और शक्ति है।’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जब वह वकील थे और उन्हें काम के लिए इधर-उधर भागना पड़ता था, तब भी वह वोट डालने का अपना कर्तव्य निभाने से नहीं चूके।

लोकसभा के 543 सदस्यों के चुनाव के लिए 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में मतदान होगा। नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे।