आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि शुक्रवार दशमी तिथि की भस्मआरती में बाबा महाकाल को पूजन सामग्री से श्रृंगारित कर त्रिनेत्र, त्रिपुंड से आलौकिक श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज वैसाख कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर शुक्रवार तड़के भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजून किया। भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन अर्चन किया गया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट रुद्राक्ष, मोगरे और मुंड माला धारण करवाई गई।
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि शुक्रवार दशमी तिथि की भस्मआरती में बाबा महाकाल को पूजन सामग्री से श्रृंगारित कर त्रिनेत्र, त्रिपुंड से आलौकिक श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई और भोग भी लगाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
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