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पांचवें चरण की जंग में राहुल गांधी, स्मृति ईरानी और राजनाथ सिंह की किस्मत होगी तय!

उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 14 सीटों के लिए प्रचार अभियान शनिवार शाम समाप्त हो गया। चुनाव के इस अहम चरण में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) नवदीप रिनवा ने बताया कि इन 14 सीटों पर मतदान 20 मई को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच होगा।

14 लोकसभा सीटों के अलावा, लखनऊ पूर्व विधानसभा के लिए होगा उपचुनाव
14 लोकसभा सीटों के अलावा, लखनऊ पूर्व विधानसभा के लिए उपचुनाव होगा। यह सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मौजूदा विधायक आशुतोष टंडन गोपालजी के निधन के बाद खाली हुयी है। उन्होंने बताया कि इस चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा लोकसभा सीटें के लिये वोट डाले जायेंगे जिसमें 10 सीटें सामान्य श्रेणी की और चार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

कुल 2.7 करोड़ मतदाता करेंगे 144 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला
रिणवा ने कहा कि ये 14 लोकसभा क्षेत्र 21 जिलों में लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, कौशांबी, प्रतापगढ़, बाराबंकी,अयोध्या, गोंडा,बहराईच और बलरामपुर हैं। उन्होंने कहा कि पांचवे चरण में 1.43 पुरुष और 1.27 करोड़ महिलाओं सहित कुल 2.7 करोड़ मतदाता 144 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इन निर्वाचन क्षेत्रों में 17,128 मतदान केंद्रों पर बने 28,688 मतदान बूथों पर मतदान होगा। इस चरण में रक्षा मंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत तय होगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से तीसरी बार लड़ रहे हैं चुनाव
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। लखनऊ 1991 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गढ़ रहा है। उन्हें समाजवादी पार्टी (सपा) के मौजूदा विधायक रविदास मेहरोत्रा चुनौती दे रहे हैं। राजनाथ लखनऊ से दो बार 2014 और 2019 में चुने गए थे, जिसका प्रतिनिधित्व कभी पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे। सबसे दिलचस्प चुनाव रायबरेली में देखने को मिल रहा है जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह चुनौती दे रहे हैं। 2019 के चुनाव में राहुल गांधी अमेठी में बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस बार वह अपनी मां सोनिया गांधी के राज्यसभा के लिए नियुक्त होने के बाद कांग्रेस की एक और पारंपरिक सीट रायबरेली चले गए। उनकी बहन और पाटर्ी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राहुल के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रचार कर रही हैं। कांग्रेस संसदीय समिति की अध्यक्ष और पूर्व सांसद सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल के पक्ष में भावनात्मक अपील की, लेकिन गांधी परिवार के गढ़ में अब जो मुद्दा हावी है, वह स्थानीय बनाम बाहरी है।

अमेठी में स्मृति ईरानी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से
अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मुकाबला गांधी परिवार के करीबी विश्वासपात्रों और कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा से है। स्मृति ईरानी ने 2019 के आम चुनावों में इस सीट से राहुल गांधी को हराया था। शर्मा का गांधी परिवार के साथ एक लंबा संबंध है और उन्होंने लगभग एक दशक तक रायबरेली में सोनिया गांधी के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। गौरतलब है कि शर्मा की उम्मीदवारी की घोषणा नामांकन के आखिरी दिन की गई थी। कैसरगंज सीट पर एक और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां मौजूदा भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अंतरराष्ट्रीय पहलवानों से जुड़े विवाद में फंसने के बाद टिकट नहीं दिया गया। भाजपा ने उनके बेटे करण भूषण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। चुनावी राजनीति में कदम रख रहे करण भूषण सिंह का मुकाबला सपा के भगत राम मिश्रा और बसपा के नरेंद्र पांडे से है।

गौरतलब है कि बृजभूषण के बड़े बेटे प्रतीक भूषण पहले से ही गोंडा सदर सीट से विधायक हैं। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर मोहनलालगंज लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें पूर्व मंत्री और सपा प्रत्याशी आरके चौधरी और बसपा प्रत्याशी राजेश कुमार से चुनौती मिल रही है। सपा में शामिल हुए चौधरी कभी मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के संस्थापक सदस्य थे।