पानी की किल्लत से दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है। वहां के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हिमाचल ने दिल्ली को पानी देने के लिए हामी भरी है, लेकिन हिमाचल की तरफ से हरियाणा को पत्र या सूचना कब मिलेगी, अभी इसका इंतजार है।
हिमाचल की ओर से धरातल पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। हथिनी कुंड बैराज पर भी रविवार को अधिकारी सारा दिन हिमाचल के अधिकारियों से संपर्क साधते रहे, लेकिन देर शाम तक कोई परिणाम सामने नहीं आया।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी दिल्ली को पर्याप्त पानी दिलाने के लिए हिमाचल के जटौन बैराज (रेणुकाजी) की तरफ से रविवार को भी किसी प्रकार की कोई जानकारी हथिनी कुंड बैराज को नहीं दी गई।
खास बात यह है कि हिमाचल से दिल्ली तक नदी का पानी पहुंचाने के लिए हथिनी कुंड बैराज ही एकमात्र विकल्प है। इससे पहले हिमाचल ने रेणुका जटौन बैराज से हथिनी कुंड बैराज के माध्यम से 137 क्यूसेक पानी दिल्ली को मुहैया करवाने की हामी भरी है। यमुनानगर के सिंचाई विभाग ने इस संबंध में हिमाचल से पत्राचार भी किया है ताकि दिल्ली को पानी देने के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके।
प्रश्न यह भी है कि हिमाचल कैसे पानी को दिल्ली तक पहुंचाएगा, चूंकि अभी तो दिल्ली को पानी दिलाने के लिए जिस रेणुका बांध का निर्माण कराया जाना है, उस पर काम भी शुरू नहीं हुआ लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से जल्द रेणुका बांध निर्माण की आस जगी है। परियोजना निर्माण की तमाम औपचारिकताएं व प्रक्रियाओं को लगभग पूर्ण कर लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हिमाचल ने दिल्ली को पानी देने के लिए हामी भरी है, लेकिन हिमाचल की तरफ से हरियाणा को लेटर या सूचना कब मिलेगी, अभी इसका इंतजार है।
-विजय गर्ग, एक्सईएन, सिंचाई विभाग।
गिरी नदी का पानी जटौन बैराज के जरिये बाता नदी से होकर यमुना में मिलता है जो हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से जुड़ा हुआ है। ये प्रक्रिया प्रारंभ से ही चली आ रही है। दिल्ली को सीधे तौर पर गिरी नदी से पानी छोड़ने का फिलहाल कोई प्रावधान व प्रक्रिया नहीं है। ऐसे में दिल्ली को पानी देने की प्रक्रिया में अभी समय लगेगा।
-रणधीर, आरई, गिरी जल विद्युत परियोजना, हिमाचल।
हरियाणा ने पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ा तो दिल्ली में जल संकट का खतरा
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा से पानी कम मिलने और हरियाणा सरकार के रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी कम दे रही है। साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से लिखे जा रहे पत्रों का जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने इन दोनों मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के सात जल शोधक संयंत्र यमुना के पानी पर निर्भर हैं। कच्चे पानी की कमी के कारण ये संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर चलने में असमर्थ हैं। इस बारे में कई बार अवगत कराने के बावजूद हरियाणा ने पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ा है। इस ओर जल्द ध्यान नहीं देने से अगले एक-दो दिन में दिल्ली में बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। फिलहाल मूनक नहर से दिल्ली के लिए 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जाना सुनिश्चित किया जाए।