प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को बधाई देते हुए गार्सेटी ने कहा कि मोदी का तीसरा कार्यकाल द्विपक्षीय संबंधों के सपनों को हकीकत में बदलने का समय है।
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने एक बार फिर भारत और अमेरिका संबंधों पर बात की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान जब महत्वाकांक्षी भारत अमेरिका के साथ मिलकर काम करेगा, तभी रक्षा साझेदारी, अहम उभरती प्रौद्योगिकियों और आर्थिक समृद्धि में प्रगति हासिल की जा सकती है।
द्विपक्षीय संबंधों के सपनों को हकीकत में बदलने का समय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को बधाई देते हुए गार्सेटी ने कहा कि मोदी का तीसरा कार्यकाल द्विपक्षीय संबंधों के सपनों को हकीकत में बदलने का समय है। उन्होंने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे लगता है कि मोदी 3.0 में हमारे लिए अपने सपनों को साकार करने और उन्हें हकीकत में बदलने का समय है।’
बता दें, यह भारत में हाल में हुए आम चुनावों के बाद बाइडन प्रशासन के किसी वरिष्ठ अधिकारी का पहला इंटरव्यू है।
मोदी 3.0 में तीन चीजें होते हुए देखेंगे
अमेरिकी राजदूत ने कहा, ‘चाहे रक्षा साझेदारी के लिए हम साथ मिलकर काम कर रहे हों, चाहे हमारी महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियां हों या आर्थिक समृद्धि लाने के लिए हम जो काम कर रहे हों, मुझे लगता है कि मोदी 3.0 में ये तीन चीजें महत्वाकांक्षी भारत को अमेरिका के साथ मिलकर काम करते हुए देख सकते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि मोदी 3.0 इस बारे में है कि हम अमेरिका और भारत के बीच एक बार फिर ऐसे संबंध बनाएं जो न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि दुनिया में अच्छा काम करे। जो दुनिया को दिखा सके कि लोकतंत्र तानाशाही से बेहतर हैं। एक स्वतंत्र और खुला हिंद-प्रशांत क्षेत्र एक ऐसी चीज है जो हर इंसान के लिए फायदेमंद है।’
भारत में अमेरिकी राजदूत के तौर पर हाल ही में एक साल पूरा करने वाले गार्सेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल के दौरान हमने राजकीय यात्रा देखी, राष्ट्रपति जी-20 के दौरान यहां आए और 150 से अधिक समझौते हुए। उन्होंने आगे कहा कि चाहे अंतरिक्ष की बात हो, सेहत की बात हो, रक्षा की बात हो या व्यापार की बात हो, हमने अतीत के संघर्षों को सुलझा लिया है और भविष्य की अपनी महत्वाकांक्षाओं को लेकर आगे बढ़े हैं।
फिलहाल अमेरिका में मौजूद
राष्ट्रपति जो बाइडन के करीबी गार्सेटी फिलहाल सेलेक्ट यूएसए समिट में हिस्सा लेने के लिए वॉशिंगटन डीसी में हैं, जिसमें भारत का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल शामिल है। वह सात वर्षों में पहली बार यूएस-इंडिया एविएशन समिट को भी संबोधित करेंगे।
भारतीय चुनावों पर एक सवाल के जवाब में लॉस एंजिलिस शहर के 53 वर्षीय पूर्व मेयर ने कहा, ‘सबसे पहले 1.4 अरब लोगों के देश को मतदान के अधिकार का प्रयोग करते हुए देखना बहुत प्रभावशाली था, दुनिया में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जो काम किया गया था, वह देखना भी वाकई शानदार था। चुनाव लोगों द्वारा अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करने के बारे में हैं। हमारे लिए यह देखना अद्भुत था। हम दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं।’
हम व्यापार के लिए इंतजार नहीं कर सकते
प्रधानमंत्री मोदी, भाजपा और एनडीए गठबंधन को उनके सफल चुनाव के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से यह नेताओं का एक समूह है, जिसे हम अच्छी तरह से जानते हैं, जिनका हम अच्छी तरह से सम्मान करते हैं और हम अविश्वसनीय रूप से अच्छी तरह से काम करते हैं। हम व्यापार में वापस आने के लिए इंतजार नहीं कर सकते। लेकिन मैं लोगों को आश्वस्त करता हूं कि चुनाव के बीच में भी अमेरिका-भारत संबंधों में ठहराव नहीं आया और उन्होंने कुछ भी नहीं छोड़ा।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमने अहम काम करना जारी रखा। यहां तक कि भारतीय चुनाव के दौरान भी क्योंकि मैं जानता हूं कि यह दोनों देशों के बीच हमेशा चलता रहेगा।’
अपने राजदूत पद को दुनिया का सबसे अच्छा काम बताते हुए उन्होंने कहा कि वह दुनिया के चेहरे पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति की तरह महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से भारतीयों ने मेरा जो गर्मजोशी से स्वागत किया, मुझे वह पसंद आया। मुझे अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत करना पसंद है।’
भारत और अमेरिका एक साथ
इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने दो चीजों को बढ़ावा देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘एक यह कि यह सिर्फ हमारे रिश्ते से कहीं बड़ा है। चाहे हम अफ्रीका, प्रशांत द्वीप देशों, दक्षिण पूर्व एशिया, बहुपक्षीय क्षेत्र में एक साथ काम करें या फिर जी20 में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करें, जब भारत और अमेरिका एक साथ होते हैं, तो हम एक अजेय शक्ति होते हैं।’
दूसरा, गार्सेटी ने जोर देकर कहा कि यह सरकारों से सरकारों के बीच के रिश्ते से कहीं बढ़कर है। उन्होंने कहा, ‘मैंने जो महसूस किया है, वह सिर्फ प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और कैबिनेट के अन्य सदस्यों के साथ मेरी अद्भुत बातचीत नहीं है, बल्कि छोटे गांवों, दूरदराज के राज्यों, पर्यटन मानचित्र से दूर के स्थानों में स्थानीय लोगों के साथ बातचीत है, जहां मैंने वास्तव में भारत की आत्मा को जीवित और सांस लेते हुए और उसकी महत्वाकांक्षाओं को देखा है।’
मैं 14 साल की उम्र में भारत आया
उन्होंने कहा कि भारत के बारे में उनकी मौलिक धारणा दुनिया के सबसे उदार, स्वागत करने वाले लोगों से भरे एक विविध लोकतंत्र के रूप में नहीं बदली है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं 14 साल की उम्र में भारत आया था, तो आप जानते हैं कि यह एक अविकसित देश था जो बुनियादी ढांचे से जूझ रहा था, वहां बिजली की आपूर्ति मुश्किल से हो पाती थी और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा नहीं था।यह एक गौरवशाली, स्वतंत्र राष्ट्र था, लेकिन यह अभी समृद्ध नहीं था। अब मैं जो देख सकता हूं, वह सभी के लिए समृद्धि का दृष्टिकोण है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उन लोगों का सशक्तिकरण भी देख रहा हूं जो सबसे रचनात्मक, उद्यमी और देखभाल करने वाले लोग हैं, जिन्हें मैंने कभी देखा है, जो अपने साथी भारतीयों को बेहतर करने में मदद करना चाहते हैं।’
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India