वर्तमान में प्रदेश के 771567 किसानों को किसान सम्मान निधि मिल रही है। कुछ किसान ऐसे है जिनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई या उनके दस्तावेजों में भिन्नता है। जिस कारण उन्हें योजना में मिलने वाली सम्मान निधि नहीं मिल रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत ई-केवाईसी न करने और आधार नंबर, बैंक खाता और जमीन के रिकॉर्ड में जानकारी समान होने के कारण प्रदेश के एक लाख से अधिक किसानों को सम्मान निधि नहीं मिल रही है। वर्तमान में प्रदेश के 771567 किसान ही योजना में मिलने वाली रकम पा रहे हैं। अब किसानों को जागरूक करने के लिए प्रदेश भर में शिविर लगाए जाएंगे।
किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर 2018 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इस योजना में प्रदेश के नौ लाख पंजीकृत हैं। योजना के शुरूआत में सभी किसानों को बैंक खातों में सम्मान निधि के रूप में दो हजार रुपये की राशि आई। लेकिन कई अपात्र किसान भी योजना का लाभ रहे थे।
इस पर केंद्र सरकार ने दस्तावेजों का सत्यापन के लिए ई-केवाईसी शुरू किया। जिसमें किसान का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या, जमीन से संबंधित खाता खतौनी व खसरा नंबर का सत्यापन किया। लेकिन प्रदेश में एक लाख से अधिक किसान ऐसे हैं। जिनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई या उनके दस्तावेजों में भिन्नता है। जिस कारण उन्हें योजना में मिलने वाली सम्मान निधि नहीं मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिले। जिन किसानों की ई-केवाईसी नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रदेश भर में जागरूकता शिविर लगाए जाएं।
जिला वार ई-केवाईसी लंबित मामलों की संख्या
जिला केवाईसी न करने वाले किसानों की संख्या
- अल्मोड़ा 14200
- बागेश्वर 2253
- चमोली 3721
- चंपावत 2388
- देहरादून 835
- हरिद्वार 31603
- नैनीताल 1408
- पौड़ी 2504
- पिथौरागढ़ 6017
- रुद्रप्रयाग 1677
- टिहरी 2767
- ऊधमसिंह नगर 6652
- उत्तरकाशी 562