शैव, शाक्त, वैष्णव परंपरा सहित 127 संप्रदायों और 13 अखाड़ों के चार हजार से अधिक संत-महंत, श्री महंत और महामंडलेश्वर रामलला के विराजमान होने के साक्षी बनने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। अयोध्या के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब सनातन धर्म की सभी धाराओं का एकसाथ सरयू …
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