नारायणपुर जिले में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां संविदा पर कार्यरत वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जयश्री साहू ने अतिरिक्त कलेक्टर वीरेंद्र बहादुर पंचभाई पर अमर्यादित व्यवहार और अपमानजनक भाषा का आरोप लगाया है।
डॉ. साहू ने ट्रांजिट हॉस्टल में रिक्त आवास की मांग की थी, जिसके जवाब में कलेक्टर ने कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें चैंबर से भगा दिया। इस घटना का वीडियो डॉ. साहू ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसके बाद छत्तीसगढ़ इन सर्विस डॉक्टर एसोसिएशन (सीआईडीए) और अन्य डॉक्टरों में रोष फैल गया।
डॉ. जयश्री साहू, जो नक्सल प्रभावित नारायणपुर में सेवानिवृत्ति के बाद संविदा पर सेवा दे रही थीं, ने किराए के मकान में रहते हुए आवास की मांग की थी। अतिरिक्त कलेक्टर ने उनके आवेदन को अस्वीकार करते हुए कथित तौर पर कहा, “कहा-कहा के डॉक्टर मुंह उठाकर चले आते हैं, मेरे बस में हो तो सभी डॉक्टरों को क्वार्टर से निकाल दूं, 2 कोड़ी के डॉक्टर हैं।”
इस घटना के विरोध में पिछले 4 दिनों से ओपीडी बंद है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है। सीआईडीए ने 1 जुलाई (डॉक्टर्स डे) को दूसरी पाली की ओपीडी का बहिष्कार करने और एनएचएम स्टाफ की सेवा समाप्ति के खिलाफ प्रदर्शन करने की घोषणा की है।जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने ब्लैक रिबन बांधकर और रक्तदान के माध्यम से विरोध जताने का फैसला किया है।
डॉ. साहू का समर्थन करने वाले कई डॉक्टरों की संविदा सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जिससे डॉक्टर समुदाय में और आक्रोश बढ़ा है। यह मामला गंभीर प्रशासनिक और नैतिक मुद्दों को उठाता है। डॉक्टरों की हड़ताल और ओपीडी बंद होने से मरीजों को हो रही असुविधा चिंता का विषय है। सीआईडीए और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने इस घटना को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और एक जुलाई को विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है।