
रायपुर 20 जुलाई।छत्तीसगढ़ के तमनार में कोल ब्लाक आवंटन एवं पेड़ों की कटाई को लेकर भाजपा एवं कांग्रेस ने एक दूसरे पर जमकर हमला किया है।दोनो ने एक दूसरे पर सत्ता में रहते इसकी अनुमति दिए जाने का आरोप मढ़ा है।
वरिष्ठ भाजपा नेता वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आहूत संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के झूठ का पर्दाफांश हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण बार-बार प्रस्तुत कर रही है। आप सबको पता होगा कि अपने शासनकाल के पाँच वर्ष में भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ को दस जनपथ का चारागाह बना दिया था।
श्री कश्यप ने कहा कि शराब घोटाले, कोयला घोटाले, चावल घोटाले, गोठान घोटाले से लेकर पीएससी घोटाले तक में इसने प्रदेश के संसाधनों को जम कर लूटा था, आज इन घोटालों के आरोपी एक एक कर नप रहे हैं। सभी जेल जा रहे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि बेवजह जिस तरह अपराधियों के विरुद्ध हो रही कानून सम्मत कार्रवाई को कहीं और मोड़ा जा रहा है, वह दुर्भाग्यजनक और कांग्रेस में हिप्पोक्रेसी का सबसे बड़ा नमूना है।
श्री कश्यप ने कहा कि जब भी आप सभी कॉल ब्लॉक आवंटन और पेड़ कटाई आदि पर सवाल उठाते थे, तो दस जनपथ के दबाव में सीधे तौर पर सत्ता में रहते भूपेश बघेल जी बचाव में आ जाते थे। कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। सवाल यह है कि अब जब झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा कर भूपेश जी अपनी कालिख धोने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?
उन्होने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह जी की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था।
श्री कश्यप ने कहा कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह भूपेश बघेलजी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी।
मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई।

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने राजस्थान को कोयला खनन का अधिकार 2015 मेँ दिया जब केंद्र ने कोयला खनिज (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत कोयला खदानों की नीलामी शुरू की।राजस्थान को कोयला खनन के लिए जो मुख्य ब्लॉक परसा ईस्ट और कांता बासन (PEKB) कोल ब्लॉक हसदेव अरण्य क्षेत्र को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को दिया और परसा कोल ब्लॉक का आवंटन 2022 में केंद्र सरकार ने राजस्थान को दिया जो छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में हैं।
उन्होने कहा कि मंत्री केदार कश्यप आदिवासी वर्ग से है लेकिन वह जंगल की कटाई का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि जो कांग्रेस पार्टी जंगल कटाई का विरोध कर रही है आदिवासी वर्ग की हक अधिकार की आवाज उठा रही है तो केदार कश्यप कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाकर अडानी का सहयोग कर रहे हैं पूरा आदिवासी समाज केदार कश्यप के इस कृत्य को देख रहा है। केदार कश्यप को स्पष्ट करना चाहिए की आदिवासी समाज जो तमनार की जंगल और हसदेव की जंगल कटाई का विरोध कर रहे हैं तो केदार कश्यप किसके साथ है?
श्री बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार ने राजस्थान को कोल खनन की अनुमति दिया तभी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया था। भाजपा नेता झूठ बोलकर मोदी सरकार की छत्तीसगढ़ विरोधी आदिवासी विरोधी कार्यों पर पर्दा नहीं कर सकते पूरा प्रदेश जंगल कटाई के खिलाफ है कांग्रेस पार्टी आर्थिक नाकेबंदी करके प्रदेश की खनिज संपदा के लूट को रोकेगी।