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करोड़ों की जीएसटी चोरी का खुलासा: 170 से ज्यादा बोगस फर्मों से फ्रॉड

रायपुर, 19 सितम्बर।छत्तीसगढ़ में राज्य जीएसटी विभाग ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है। विभाग की बीआईयू टीम ने जीएसटी एनालिटिक्स, इंटेलिजेंस नेटवर्क और जीएसटी प्राइम पोर्टल की मदद से 170 से अधिक बोगस फर्मों का नेटवर्क पकड़ लिया है।

   आधिकारिक जानकारी के अनुसार इन फर्मों के जरिए मास्टरमाइंड मो. फरहान सोरठिया, जो खुद को जीएसटी टैक्स कंसल्टेंट बताता था, करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी कर रहा था। जानकारी के मुताबिक फरहान ने अपने पांच कर्मचारियों को फर्जी फर्म पंजीयन, रिटर्न दाखिल करने और ई-वे बिल बनाने का काम सौंपा था। जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी पंजीयन के लिए किरायानामा, सहमति पत्र और एफिडेविट जैसे दस्तावेज तैयार किए जाते थे।

  केवल 26 फर्जी फर्मों से ही 822 करोड़ रुपये के ई-वे बिल जारी किए गए, जबकि रिटर्न में महज 106 करोड़ का टर्नओवर दिखाया गया। प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक, इससे राज्य को 100 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व का नुकसान हुआ है।

  टीम को फरहान के कार्यालय से मिले दस्तावेजों में यह भी पता चला कि फर्जी पंजीयन सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पंजाब, असम, मणिपुर और ओडिशा में भी कराए गए थे।

इसी बीच, फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के घर पर 17 सितम्बर को की गई सर्च में 1 करोड़ 64 लाख रुपये नकद और 400 ग्राम सोना मिला, जिसे जब्त कर आयकर विभाग को सौंप दिया गया है।

  अब विभाग इन बोगस फर्मों से हुए कुल जीएसटी फ्रॉड की राशि की गणना कर रहा है। कई ब्रोकर, स्क्रैप डीलर और इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने वाली कंपनियां भी जांच के दायरे में आ गई हैं। फिलहाल, राज्य कर विभाग मामले की गहन जांच कर रहा है और कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।