कब्ज, जिसे अंग्रेजी में Constipation भी कहते हैं, एक ऐसी समस्या है जो आपके पूरे दिन को खराब कर सकती है। बार-बार टॉयलेट जाना, जोर लगाना और पेट साफ न होने की बेचैनी, यह सब आपकी सेहत और मूड दोनों को प्रभावित करता है।
हालांकि, अच्छी बात यह है कि, पाचन तंत्र को मजबूत और आंतों की गति को तेज करने के लिए योग से बेहतर और कुछ नहीं है। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 5 आसान योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें रोज करके आप मिनटों में पेट साफ कर सकते हैं और कब्ज की पुरानी समस्या को जड़ से मिटा सकते हैं।
पवनमुक्तासन
यह आसन, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, पेट की गैस और कब्ज से तुरंत राहत दिलाने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है। यह पाचन तंत्र पर दबाव डालकर आंतों की निष्क्रियता को दूर करता है।
कैसे करें: पीठ के बल सीधे लेट जाएं। गहरी सांस लें और बाहर निकालते हुए एक-एक करके या दोनों घुटनों को मोड़कर छाती की ओर लाएं। अपने हाथों से घुटनों को पकड़ें और ठोड़ी को घुटनों से छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। यह पेट की नसों की मालिश करता है, जिससे मल त्याग आसान हो जाता है।
मलासन
मलासन एक प्राकृतिक बैठने की मुद्रा है, जिसे हमारे पूर्वज सदियों से इस्तेमाल करते आए हैं। कब्ज के लिए यह आसन किसी रामबाण से कम नहीं है, क्योंकि यह आपके शरीर को मल त्याग की सही स्थिति में लाता है।
कैसे करें: जमीन पर एड़ी उठाकर बैठ जाएं (जैसे देसी टॉयलेट में बैठते हैं)। अपने पैरों को थोड़ा खोलें और दोनों कोहनियों को घुटनों के अंदर रखें। हथेलियों को नमस्कार मुद्रा में छाती के सामने मिलाएं। अपनी रीढ़ को सीधा रखें। यह मुद्रा पेट और पेल्विक एरिया पर दबाव डालती है, जो आंतों को तुरंत एक्टिव करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन आपकी रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के साथ-साथ पाचन अंगों को भी मजबूत करता है। यह पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे पाचन क्रिया सुधरती है और कब्ज में आराम मिलता है।
कैसे करें: पेट के बल लेट जाएं, हथेलियों को कंधों के नीचे रखें। सांस अंदर भरते हुए धीरे-धीरे सीने और सिर को ऊपर उठाएं। अपनी कोहनियों को हल्का मोड़कर रखें और नाभि तक के हिस्से को जमीन से चिपकाए रखें। कुछ सेकंड रुकें और फिर सांस छोड़ते हुए नीचे आ जाएं।
उष्ट्रासन
यह आसन पेट के सामने के हिस्से में जबरदस्त खिंचाव पैदा करता है। यह कब्ज, गैस और अपच की समस्या में तुरंत राहत देता है। यह आसन पेट के अंदरूनी अंगों की मालिश करता है और अपान वायु (शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाली ऊर्जा) को सक्रिय करता है।
कैसे करें: घुटनों के बल खड़े हो जाएं, घुटनों और पैरों के बीच कंधे जितना अंतर रखें। सांस अंदर भरते हुए पीछे की ओर झुकें और अपने हाथों से एड़ियों को पकड़ें। कूल्हों को आगे की ओर धकेलें और सिर को पीछे जाने दें। ध्यान रखें कि इस आसन को धीरे-धीरे करें।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन
शरीर को मोड़ने वाले आसन कब्ज दूर करने के लिए सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। यह आसन पेट के अंगों को निचोड़ता है, जिससे आंतों में जमा मल आगे बढ़ने लगता है।
कैसे करें: पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं। दाएं पैर को मोड़ें और बाएं घुटने के बाहर जमीन पर रखें। बाएं पैर को मोड़कर दाएं हिप के पास लाएं। बाएं हाथ को दाएं घुटने के ऊपर से लाएं और दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें या फिर जमीन पर रखें। दाएं हाथ को पीछे जमीन पर रखें और कमर को दाईं ओर घुमाएं। गहरी सांस लेते हुए खिंचाव महसूस करें। दूसरी तरफ से भी दोहराएं।
इन बातों का रखें ख्याल
पानी है जरूरी: योगासन के साथ-साथ, सुबह उठकर गुनगुना पानी पीना और दिन भर में पर्याप्त पानी पीना कब्ज के इलाज के लिए बहुत आवश्यक है।
फाइबर रिच डाइट: अपने भोजन में फल, सब्जियां और साबुत अनाज जैसे फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
इन योगासनों को रोजाना अपनी दिनचर्या में शामिल करें। आप जल्द ही महसूस करेंगे कि आपको टॉयलेट में जोर नहीं लगाना पड़ रहा है और आपका पेट मिनटों में साफ हो रहा है।
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