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रूस-यूक्रेन संघर्ष को लेकर पुतिन से बोले पीएम मोदी

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आज भारत के दौरे का दूसरा दिन है। राष्ट्रपति पुतिन आज दिल्ली में राजघाट पहुंचे, जहां पर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वह राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां पर उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया।

अब हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हो रही है। इस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत-रूस के रिश्ते बढ़ने चाहिए और नई ऊंचाइयों को छूना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा यूक्रेन संकट पर आपसे हमेशा बात हुई। हम शांति के हर प्रयास में रूस के साथ खड़े हैं।

‘भारत न्यूट्रल नहीं, शांति के साथ है’
पीएम मोदी ने इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं है, भारत शांति के साथ है। हम शांति की हर कोशिश का समर्थन करते हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दुनिया में शांति लौटनी चाहिए। हम सबको मिलकर शांति की तलाश करनी चाहिए।

यूक्रेन संघर्ष पर पीएम ने क्या कहा?
इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति के साथ है। इस वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह संघर्ष बातचीत और डिप्लोमेसी के ज़रिए खत्म होना चाहिए।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हम झगड़े के शांतिपूर्ण हल का समर्थन करते हैं। अपनी तरफ से पुतिन ने कहा कि रूस झगड़े के शांतिपूर्ण हल पर काम कर रहा है।

राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया गया। शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया। यहां पर पुतिन को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

‘दुनिया चिंताओं से जल्द मुक्त होगी’
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी मीटिंग में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि COVID से लेकर आज तक, दुनिया कई मुश्किलों से गुजरी है। हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द, दुनिया चिंताओं से आजाद हो जाएगी और सही दिशा में ग्लोबल कम्युनिटी के लिए एक नई उम्मीद जगेगी।

भारत-रूस शिखर सम्मेलन में इन चीजों पर रहेगा फोकस
गौरतलब है कि पुतिन भारत मंडपम में 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में रक्षा सहयोग को मजबूत करना, बाहरी दबावों से द्विपक्षीय व्यापार को सुरक्षित रखना और स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर पर सहयोग के नए रास्ते तलाशना मुख्य एजेंडा रहेगा।

माना जा रहा है कि इस दौरान भारत रूस से कच्चे तेल के भारी आयात के कारण बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताएगा। यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब अमेरिका ने रूस से भारत की तेल खरीद पर भारी टैरिफ लगाकर नई दिल्ली-वॉशिंगटन संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। कहा यह भी जा रहा है कि पुतिन यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की हालिया पहलों की जानकारी प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझा करेंगे।