
रायपुर, 04 दिसंबर।छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अमेरा कोल माइंस क्षेत्र में कोयला खनन के लिए हो रहे जबरन विस्थापन को लेकर तनाव गहराता जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार कोयले के नाम पर जल, जंगल और जमीन छीनने पर आमादा है और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में उनकी सहमति के बिना कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, एसईसीएल और सुरक्षा बलों की टीम जब कोयला उत्खनन और विस्थापन के लिए क्षेत्र में पहुँची, तो ग्रामीणों के विरोध के बीच झड़प की स्थिति बन गई। कहा गया कि पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया, जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने पथराव किया। दोनों पक्षों के लोग घायल हुए।
श्री बैज ने कहा कि ग्राम सभा और स्थानीय निवासी अपनी पुश्तैनी जमीन किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते, क्योंकि कोयला खनन से खेती, पर्यावरण और आजीविका को भारी नुकसान होगा। अधिकांश प्रभावित परिवारों ने मुआवजा भी स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य में सत्ता में आने के बाद से ही हसदेव, तमनार सहित कई क्षेत्रों में आदिवासियों की सहमति के बिना भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है और प्राकृतिक संसाधनों को उद्योगपतियों को सौंपने की नीतियाँ चलाई जा रही हैं।
अमेरा की घटना के बाद ग्रामीणों पर गंभीर धाराओं में मामले दर्ज किए जाने पर बैज ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरगुजा 5वीं अनुसूची क्षेत्र है, जहाँ PESA कानून लागू है और किसी भी संसाधन के दोहन के लिए स्थानीय समुदाय की सहमति अनिवार्य है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब कोल इंडिया लिमिटेड खुद यह कह चुका है कि वर्तमान खदानों में 30 साल तक के लिए पर्याप्त कोयला भंडार मौजूद है, तो नई खदानों की इतनी जल्दबाज़ी क्यों?
बैज ने कहा कि भाजपा सरकार के अधिनायकवादी रवैये में विरोध और असहमति के लिए कोई स्थान नहीं बचा है। यदि सरकार और प्रशासन दमन की कार्रवाई पर रोक नहीं लगाते, तो कांग्रेस व्यापक आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
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