नई दिल्ली 01 फरवरी।वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में पेश आगामी वित्त वर्ष के आम बजट में व्यक्तिगत आयकर की एक नई व्यवस्था सहित कई लोकलुभावन घोषणाएं की है।
वित्तमंत्री ने बजट में व्यक्तिगत करदाताओं को राहत देने और कर कानून को सरल बनाने के लिए व्यक्तिगत आयकर की एक नई व्यवस्था की घोषणा की गई है।बजट घोषणा के अनुसार 5 लाख तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा। 5 लाख से साढ़े सात लाख तक की आय पर 10 प्रतिशत और साढ़े सात से 10 लाख तक की वार्षिक आय पर 15 प्रतिशत की दर लागू होगी। 10 लाख से साढ़े 12 लाख तक की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत की दर से कर लगेगा। साढ़े 12 लाख से 15 लाख तक आमदनी पर 25 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से कर देना होगा। निवेशकों को राहत देने के लिए लाभांश वितरण कर हटाने का प्रस्ताव है।
वित्तमंत्री ने कहा सकल घरेलू उत्पाद में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्ष 2020-21 के लिए अनुमानित प्राप्तियां 22.4 लाख करोड़ रूपये हैं। व्यय का संशोधित अनुमान 30. 42लाख करोड़ रूपये है। राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें मंजूर कर ली हैं।
बजट पेश करते हुए श्रीमती सीतारामन कहा कि अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार मजबूत हैं और मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू करना सरकार का ऐतिहासिक फैसला रहा इसके बाद ढांचागत बदलाव हुआ है।
उन्होंने कहा कि लोगों की आशा, आकांक्षाओं को पूरा करना सरकार का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि दो बर्ष में 60 लाख से अधिक करदाताओं को प्रक्रिया से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2020 से सरलीकृत नई विवरणी प्रणाली शुरू की जाएगी।
श्रीमती सीतारामण ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से कार्यक्रमों की क्रियान्वयन गति कई गुणा बढ़ी है। भारत अभी विश्व की पांचवीं सभी बड़ी अर्थव्यवस्था है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 से लेकर 2019 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 284 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। 2019 में सरकार का ऋण घटकर सकल घरेलू उत्पाद का 48.7 प्रतिशत हो गया है।
वित्तमंत्री ने सस्ती दरों पर दवाईंयां उपलब्ध कराने के लिए देश के सभी जिलों में जनऔषधि केंद्र के विस्तार का प्रस्ताव किया है। उन्होंने 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99 हजार 3 सौ करोड़ रूपये और कौशल विकास के लिए 3 हजार करोड़ रूपये आवंटित किए जाने के प्रस्ताव की घोषणा की।
वित्तमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के दौरान सरकार ने बुनियादी ढांचे में सुधार और समावेशी विकास पर जोर दिया था। बैंकों को पिछले दशक के बकाया ऋणों से पूरी तरह मुक्त करने के साथ ही उनका पुन: पूंजीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि माल और सेवाकर धीरे-धीरे कर का रूप ले रहा है, जिसने देश को आर्थिक रूप से एकीकृत किया है और अर्थव्यवस्था को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाया है।
वित्तमंत्री ने कहा कि हम अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। 2006 से 2016 के बीच भारत 271 मिलियन लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने में समर्थ था जिसके लिए हम सबको गर्व है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, सम्पन्नता और खुशहाली के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, ग्रामीण सड़क योजना जैसे कार्यक्रमों से किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए की गई घोषणाओं में प्रधानमंत्री किसान योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के दायरे में लाना भी शामिल है। जल्द खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के शीघ्रता से परिवहन के लिए विशेष किसान रेल और किसान उड़ान योजना शुरू करने का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत बिजली ग्रिड से नहीं जुड़े सौर पम्पों को बढ़ावा देने की योजना के तहत 20 लाख किसानों को शामिल किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि आरोग्य, जल और स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के संबंध में हमारा सर्वांगीण दृष्टिकोण है। मिशन इन्द्रधनुष के तहत पांच नये टीकों सहित 12 बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए काम किया जा रहा है। फिट इंडिया अभियान जीवन शैली से उत्पन्न होने वाली गैर संचारी बीमारियों का मुकाबला करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतगर्त 20 हजार से अधिक अस्पतालों को पैनलबद्ध किया गया है तथा छोटे शहरों में गरीबों के लिए और अधिक अस्पतालों की जरूरत है। पीपीपी मॉडल के तहत अस्पताओं की स्थापना का भी प्रस्ताव है।