नई दिल्ली 30 दिसम्बर।केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति ने देश मेंपहली पीढी – वन जी एथेनाल बनाने की क्षमता बढाने के लिए संशोधित योजना को मंजूरी दे दी है।इसके तहत चावल, गेहूं, जौ, मक्का, ज्वार, गन्ना और चुकंदर इत्यादि से एथेनॉल निकाला जाएगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि एथेनॉल उत्पादक नई डिस्ट्रिलरी को 4573 करोड रुपये की ब्याज सहायता देने को मंजूरी दी गई है।उन्होंने बताया कि भारत को तेल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 2030 तक लगभग एक हजार करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत होगी ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके।उन्होंने कहा कि भारत की मौजूदा क्षमता 684 करोड़ लीटर तेल उत्पादन की है।
श्री प्रधान ने बताया कि सरकार परियोजना के प्रस्तावकों द्वारा लिए गए ऋण पर एक वर्ष की मोहलत सहित पांच वर्ष के लिए ब्याज अनुदान का वहन करेगी। इसका निर्धारण प्रति वर्ष 6 प्रतिशत ब्याज दर या बैंक द्वारा लिए गए ब्याज के 50 प्रतिशत में से जो भी कम होगा उसके आधार पर किया जाएगा।
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