अम्बिकापुर 15 नवम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि आदिवासी समाज शिक्षित और जागरूक होकर शासकीय योजनाओं का लाभ लें और संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करें।
सुश्री उइके ने आज यहां गोंड समाज विकास समिति एवं सर्व आदिवासी समाज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बिरसा मुंडा जयंती एवं देव उठनी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को आगे आकर अपना भविष्य गढ़ना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ी का भी भविष्य उज्ज्वल और सशक्त हो सके। उन्होंने कहा कि युवा जब भी सामाजिक बैठकों में शामिल हो वे यह प्रयास करें कि शासन की योजनाओं का जरूरतमंद को लाभ मिले। जो लाभ से वंचित है उन्हें कैसे लाभ दिलाया जा सके।
उन्होने कहा कि बिरसा मुंडा, शहीद वीर नारायण सिंह, गेंदसिंह, रानी दुर्गावती जैसे अनेक वीर और वीरांगनाओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहूति दी। उन्होंने समाज को जागरूक करने का काम किया। स्वतंत्रता के बाद आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए संविधान में कई संवैधानिक प्रावधान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में उद्योग आदि के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद प्रभावित परिवारों को मुआवजा व लाभांश मिलने के साथ ही वे आजीवन शेयर धारक होने का प्रावधान होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि पेसा कानून की तरह ही नगरीय क्षेत्रों में आदिवासियों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए मेसा कानून शीघ्र पारित कराने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राज्य सभा में यह कानून लाया गया था, लेकिन पारित नही हो सका। अब इसे पुनः पारित करने के प्रयास हेतु पहल किया जाएगा। उन्होने कहा कि कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से बचकर रहना होगा। अभी भले ही संक्रमण कम हुआ है लेकिन पूरी तरह समाप्त नही हुआ है। इस बीमारी से बचने के लिए टीका लगाया जा रहा है। सभी पात्र लोग जरूर टीका, लगवाएं मास्क पहने और बाजार में भीड़ से बचें।
कार्यक्रम में संघ लोक सेवा आयोग में आईएएस सेवा हेतु चयनित वत्सल टोप्पो, अनिकेत सेंगर को सम्मानित किया गया।इसके साथ ही कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया।
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