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मानसून की शुरूआत के बाद निर्धारित तिथि को होगा ‘रोका-छेका‘ का आयोजन

रायपुर, 18 जून।छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरूआत के बाद पूरे प्रदेश में निर्धारित तिथि को रोका-छेका का आयोजन किया जाएगा।

रोका-छेका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर एक अभियान के रूप में पिछले तीन वर्षों से आयोजन किया जा रहा है। आगामी फसल बुआई के पूर्व खुले में चराई करने वाले पशुओं से फसलों को बचाने के लिए इस वर्ष भी ‘‘रोका-छेका’’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी कलेक्टरों को प्रदेश में बारिश शुरू होने पर पूरे प्रदेश में एक साथ रोका-छेका कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। रोका-छेका की तिथि का निर्धारण बारिश की स्थिति को देखते हुए विभिन्न जिलों के समन्वय से की जाएगी।

गौरतलब है कि रोका-छेका के माध्यम से किसान और पशुपालक अपने पशुओं को खुले में चराई के लिए नहीं छोड़ने का संकल्प लेते हैं, ताकि फसलों को नुकसान न पहुंचे। पशुओं को घरों, बाड़ों और गौठानों में रखा जाता है और उनके चारे-पानी का प्रबंध भी किया जाता है। गांवों में गौठानों के बनने से रोका-छेका का काम अब और भी ज्यादा आसान हो गया है। गौठानों में पशुओं की देखभाल और उनके चारे-पानी की प्रबंध की चिन्ता अब किसानों और पशुपालकों को नहीं है। गौठानों में इसका प्रबंध पहले ही किया गया है।

कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को रोका-छेका कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा जारी किए गए हैं।