अप्रैल-जून 2022 तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आंकड़े बुधवार, 31 अगस्त को जारी किए जाएंगे। विश्लेषकों ने भारत की जीडीपी (India’s GDP) में 13 प्रतिशत से 16.2 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (India’s GDP Growth) 13 प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 15.7 प्रतिशत और आरबीआई (RBI) ने 16.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
वित्त वर्ष 2021-22 (Q4FY22) की चौथी तिमाही में, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.1 प्रतिशत बढ़ा। पूरे वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। वित्त वर्ष 2021-22 (Q4FY22) की चौथी तिमाही में, भारत की GDP में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। बता दें कि 2022-23 के लिए आरबीआई का वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान 7.2 प्रतिशत है, जबकि FY23 की पहली तिमाही के लिए यह 16.2 प्रतिशत है।
FY23Q1 के लिए ICRA का GDP पूर्वानुमान
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 13 प्रतिशत रहने की संभावना है। इसके मुताबिक, जून 2022 तिमाही की सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 17-19 प्रतिशत और उद्योग जगत की 9-11 प्रतिशत रह सकती है।
SBI का Q1FY23 जीडीपी पूर्वानुमान
एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट ‘इकॉरैप’ में कहा है कि भारत की जीडीपी Q1FY23 में बहुत अधिक होने की उम्मीद है। इसके 15.7 प्रतिशत के आसपास होने की संभावना है, क्योंकि कई संकेतकों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी प्रगति दिखाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एसबीआई ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के लिए अनुमानित जीडीपी वृद्धि 15.7 फीसदी होगी। मासिक डेटा के आधार पर सभी क्षेत्रों में भारत आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हुई नजर आ रही हैं।
जीडीपी ग्रोथ पर रॉयटर्स का पोल
रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जून 2022 की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में सालाना 15.2 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है।
जून 2022 तिमाही के लिए आरबीआई का जीडीपी पूर्वानुमान
2022-23 के लिए आरबीआई का वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान 7.2 प्रतिशत है, जबकि पहली तिमाही के लिए यह 16.2 प्रतिशत है। दूसरी तिमाही में इसके 6.2 प्रतिशत, Q3 में 4.1 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। आरबीआई ने कहा है कि भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न जोखिम, वैश्विक वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव और वैश्विक वित्तीय स्थितियों में मजबूती से दश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है।
बता दें कि मॉर्गन स्टेनली ने हाल ही में कहा था कि भारत 2022-23 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली एशियाई अर्थव्यवस्था रहेगी। इस अवधि के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि औसत 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 (Q4FY22) की चौथी तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 4.1 प्रतिशत बढ़ा। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।