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छत्तीसगढ़ में आनलाइन जुआ पर दो से पांच साल तक के कारावास का प्रावधान

रायपुर,05 जनवरी।छत्तीसगढ़ विधानसभा में कल पारित छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम में आनलाइन जुआ पर दो से पांच साल तक के कारावास का प्रावधान एवं एक लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

     विधानसभा द्वारा पारित यह अधिनियम राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रभावी हो जायेगा।पूर्व अधिनियम में ऑनलाईन जुआ परिभाषित नही था जिसमें संशोधन करते हुए अधिनियम में अब जुआ घर की परिभाषा मे ऑनलाईन जुआ प्लेटफार्म शब्द जोड़ा गया है।जुआ के उपकरण की परिभाषा मे ऑनलाईन जुआ से संबंधित इलेक्ट्रानिक अभिलेख, इलेक्ट्रानिक डिवाइस, मोबाईल एप, इलेक्ट्रोनिक ट्रांसफर ऑफ फन्डस शब्द जोड़े गये हैं।

    पुराने अधिनियम में ऑनलाईन जुआ के लिए दण्ड का कोई प्रावधान नहीं था। वर्तमान मे ऑनलाईन जुआ के लिए अधिनियम में पृथक से दण्ड का प्रावधान किया गया है। जिसमे एक से तीन वर्ष के कारावास एवं पचास हजार से पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है किया गया है। पश्चातवर्ती अपराध के लिए दो वर्ष से सात वर्ष तक के कारावास और एक लाख से दस लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।

  अधिनियम को संशोधित करते हुए अब आनलाइन प्लेटफार्म को भी दंड में समाहित करते हुए पश्चातवर्ती अपराध (अपराध की पुनरावृत्ति) के लिए दंड की मात्रा बढ़ाते हए  दो से पांच वर्ष तक के कारावास और एक लाख रूपए तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। पूर्व में इसके लिए एक वर्ष का कारावास या अधिकतम दो हजार रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान था।

अधिनियम के संशोधन के पहले तक जुआ प्रतिषेध अधिनियम के सभी अपराध संज्ञेय तथा जमानतीय थे। वर्तमान अधिनियम में कार्रवाई के लिए कड़े प्रावधान करते हुए जुआ घर का स्वामी होना (धारा-4), जुआ खिलाना (धारा-6 ), ऑनलाईन जुआ खिलाना (धारा -7), विज्ञापन प्रतिषेध का उल्लंघन ( धारा-11 ) और कंपनी द्वारा अपराध ( धारा-12 ) को संज्ञेय तथा गैर जमानतीय अपराध बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के अनुसार छह माह तक की सजा एवं तीन हजार से दस हजार रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जबकि पूर्व अधिनियम मे 4 माह का कारावास या सौ रूपए के जुर्माने के दंड का प्रावधान था। इसके साथ ही जो व्यक्ति जुआ घर मे पाया जाएगा उसके लिए  पूर्व प्रावधान मे “पाँच सौ रूपए तक के जुर्माने अथवा चार माह का कारावास” दण्ड की मात्रा थी जिसमें वृद्धि करते हुए अब  छह माह तक की सजा एवं दस हजार रूपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।