नई दिल्ली 21 अगस्त।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता में बदलाव का पता लगाने के लिए नमूना यंत्रों और विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टी के परीक्षण की प्रयोगशालाओं की उचित जांच होनी चाहिए। इससे गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने आज यहां कृषि क्षेत्र की दो योजनाओं मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड को स्थानीय भाषा में छपने चाहिए, ताकि किसान उन्हें आसानी से पढ़ और समझ सकें।नवीनतम प्रौद्योगिकी को तेजी से स्वीकार करने की प्रवृति को प्रोत्साहित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मिट्टी की जांच हाथ से इस्तेमाल होने वाले यंत्रों के जरिये संभव होनी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस काम में स्टार्टअप और उद्यमियों को शामिल करने की संभावनाएं तलाशें।समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को बताया गया कि 16 राज्यों और केन्द्रशासित क्षेत्रों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण का पहला चरण पूरा हो गया है और शेष अन्य राज्यों में कुछ सप्ताह में इसे पूरा कर लिये की संभावना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में श्री मोदी को जानकारी दी गई कि 2016 के खरीफ मौसम और 2016-17 के रबी मौसम के दौरान सात हजार सात सौ करोड़ रूपये का भुगतान किया गया और इससे 90 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा हुआ।
बैठक में कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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