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बाबा गुरू घासीदास जी का संदेश एकता और शांति का मूलमंत्र- साय

दुर्ग 12 जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी एक महान संत थे। जिन्होंने ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया। गुरू घासीदास बाबा जी का संदेश एकता और शांति का मूलमंत्र है।

     श्री साय ने आज जिले के मिनी गिरौदपुरी धाम गिरहोला में आयोजित संत समागम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाबा गुरू घासीदास ऐसे महापुरूष थे, जिन्होंने अपने गांव, समाज, राज्य और देश में बदलाव लाने की पहल की। मुख्यमंत्री ने समाज के लोगों की मांग पर ग्राम गिरहोला में आडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रूपए और तालाब सौन्दर्यीकरण के लिए 25 लाख रूपए की मंजूरी की घोषणा की।

      उन्होने कहा कि संत बाबा गुरू घासीदास जी ने तप किया और सिद्धि प्राप्त की और फिर वे समाज के उद्धार के लिए निकल पड़े। उन्होंने जनता के कष्टों का निवारण किया। बाबा गुरू घासीदास के संदेश हमें मानवता से जोड़ते हैं। दुनिया में आज इतनी गैर बराबरी है कि स्त्रियों और पुरूषों के बीच भी बहुत भेदभाव होता है, लेकिन बाबा गुरू घासीदास जी ने सैकड़ों वर्ष पहले बेटी और बेटे को समान मानने का उपदेश देकर स्त्री और पुरूष के बीच समानता का संदेश दिया था। जिस तरह गुरू घासीदास जी ने समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति के उत्थान को अपना लक्ष्य बनाया, उसी तरह सरकार ने भी अंत्योदय को अपना लक्ष्य बनाया है।