उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 44 गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 44 गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन विभाग को आदेश जारी किया गया है तथा 5.28 लाख रुपए की धनराशि व्यय से 15 जिलों में गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास को सुनिश्चित किया जाएगा।
इन स्थानों पर हो रहा है गोवंश संरक्षण स्थलों का निर्माण
इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक गौ संरक्षण केंद्रों को 12 हजार रुपए की धनराशि व्यय से निर्मित व विकसित किया जाएगा। इस क्रम में बरेली के अनिरुद्धपुर, मउचंदपुर, सिकोड़ा, अंबरपुर, करतौली, मानपुर अहियापुर, चुरई दलपतपुर, बांसबोझ, महेशपुर शिव सिंह और शेखापुर में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा।
इसी प्रकार, उन्नाव के तौरा, टिकरा सामद, छूलामऊ, कोंथा व देवमई में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा। वहीं, शाहजहांपुर के शहबाजनगर, धुसगवां, बागपत के बिजवाड़ा, काकौर, अगला अगरी, लखीमपुर खीरी के कादीपुर, जालौन के नुनबई व गुजराजपुर, कासगंत के नादरमई व मथुरा के बढ़ौता में भी विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।
इसी प्रकार, सम्भल के साकिन शोभापुर मुनजब्ता, एचौली व निरयावली, रायबरेली के बन्नांवा, अमेठी के दक्खिनगांव, कोरारी लच्छनशाह, खारा व टीकरमाफी, हरदोई के बरेला कमालपुर, कुरसेली व उचवल, फतेहपुर के जरौली व भादर, मुरादाबाद के मोहम्मदपुर मनसुख, रायपुर खुर्द व राजपुर मिलक तथा आगरा के खेड़ी अडू व कुर्रा चित्तरपुर में में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा।
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