प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बी नागेंद्र को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि विधायक को रात करीब साढ़े दस बजे एजेंसी के दफ्तर में हिरासत में लिया गया। उनसे 13 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। उन्हें सुबह उनके आवास से ईडी कार्यालय ले जाया गया था।
नागेंद्र को शनिवार को विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है जहां ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत मांगेगी। एजेंसी ने इस मामले में बृहस्पतिवार को कर्नाटक समेत चार राज्यों में छापेमारी की थी और अब तक करीब 50 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। घोटाले के सिलसिले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री नागेंद्र ने छह जून को इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने पिछले दो दिनों में कर्नाटक के पूर्व मंत्री नागेंद्र और सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक बसनगौड़ा दद्दल के परिसरों सहित कई स्थानों पर तलाशी ली है।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में करीब 20 स्थानों पर छापेमारी की। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में पैसों के हेरफेर का मामला तब सामने आया था जब इसके लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी।
घटनास्थल से चंद्रशेखरन द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपए का अनधिकृत हस्तांतरण किया गया है। उसमें से 88.62 करोड़ रुपए अवैध रूप से विभिन्न खातों में भेजे गए। ये बैंक खाते कथित रूप से प्रसिद्ध आईटी कंपनियों और हैदराबाद में स्थित एक सहकारी बैंक के हैं। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) में आर्थिक अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनीष खरबीकर की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले की जांच के सिलसिले में नागेंद्र और दद्दल से पूछताछ की थी।
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