बीजापुर के भोपालपटनम ब्लॉक के तारलागुड़ा में संचालित कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन, बालक आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन व आरएमएसए बालक बालिका पोटाकेबिन के सैकड़ों बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।
बीजापुर के भोपालपटनम ब्लॉक के तारलागुड़ा में संचालित कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन, बालक आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन व आरएमएसए बालक बालिका पोटाकेबिन के सैकड़ों बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया। खबर के बाद विभाग हरकत में आया और गुरुवार को भोपालपटनम पीएचई की टीम तारलागुडा पहुंची। टीम ने पोटाकेबिनों की जांच कर पानी की गुणवत्ता जांची।
भोपालपटनम में पदस्थ पीएचई उप अभियंता बीआर बंजारे ने बताया कि जांच में पाया गया है कि आश्रमों में लगे बोरिंग का पानी खराब है। इसमें आयरन की मात्र अधिक हैं। वह पीने योग्य नहीं हैं। इसके लिए पोटाकेबिन के अधीक्षकों को बताया गया हैं कि यहां का पानी पीने योग्य नहीं है। इसका उपयोग कपड़े धोने नहाने व अन्य काम में कर सकते हैं। फिलहाल पोटाकेबिन में पीने के लिए पानी पुलिस थाने से लेकर उपयोग किया जा रहा हैं।
बता दें कि पोटाकेबिन तारलागुडा मे फिल्टर प्लांट लगा हुआ हैं। लेकिन वह एक साल से खराब पड़ा हुआ हैं। उसे सुधार नहीं किया जा रहा हैं। कन्या पोटाकेबिन, बालक पोटाकेबिन, आरएमएसए बालक और बालिका में लगभग पांच सौ से अधिक बच्चे रहते हैं।
CG News | Chhattisgarh News Hindi News Updates from Chattisgarh for India