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नेचर लवर वीमेंस के लिए परफेक्ट हैं ये वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन

भारत अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। यहां कई ऐसी खूबसूरत जगह मौजूद हैं, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ऐतिहासिक धरोहरों से खूबसूरत इमारतों तक, यहां कई ऐसी चीजें हैं, जिनका दीदार हर कोई करना चाहता है। इसके अलावा यहां कई ऐसी जगह भी हैं, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए परफेक्ट हैं। शहरों की भीड़भाड़ और शोर-शराबे से दूर यहां कई ऐसे वाइल्ड लाइफ डेस्टिनेशन है, जहां नेचर लवर बेहतरीन समय बिता सकते हैं।

इन दिनों सोलो ट्रैवल का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है और लड़कों के साथ-साथ अब लड़कियां भी अकेले घूमने निकल पड़ती हैं। ऐसे में अगर आप नेचर लवर हैं और अपने सोलो ट्रिप के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन तलाश रही हैं, तो इन नेशनल पार्क और रिजर्व की सैर कर सकती हैं।

काजीरंगा नेशनल पार्क, असम
काजीरंगा नेशनल पार्क की शुरुआत सन 1905 में वन संरक्षण के रूप में हुई थी। इसका उद्देश्य एक सींग वाले गैंडों को विलुप्त होने से बचाना था। यह गेंडे अपने बेशकीमती सींगों के लिए शिकारियों मुख्य लक्ष्य होते हैं। ऐसे में काजीरंगा के संरक्षण के चलते एक सींग वाले गैंडों की दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी अब पार्क के अंदर सुरक्षित रहती है। यहां आपको कई बाघ, हाथी, भैंस, लुप्तप्राय दलदली हिरण और डॉल्फिन देखने को मिलेंगे। यह पार्क मानसून में जून से सितंबर तक बंद रहता है।

सतपुड़ा नेशलन पार्क, मध्य प्रदेश
मध्य भारत के ऊंचे इलाकों में स्थित सतपुड़ा नेशनल पार्क फोटोग्राफर्स के लिए किसी स्वर्ग कम नहीं है। यह पार्क तेंदुओं, पक्षियों और स्लॉथ भालूओं का घर है। हालांकि, यहां का मुख्य आकर्षण इसकी मृग और हिरण प्रजातियों की विविध श्रृंखला है। घास के मैदान, मैलाकाइट हरे जंगल और झरने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। सतपुड़ा में जीप, मोटरबोट, नाव और पैदल सफारी कर सकते हैं।

नागरहोल नेशनल पार्क, कर्नाटक
दक्षिणी भारत का नागरहोल नेशनल, जिसे राजीव गांधी नेशनल पार्क के रूप में भी जाना जाता है, अपने हरे-भरे जंगल और दलदली जमीन की वजह से देश के प्रमुख बाघ स्थलों में से एक है। पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से घिरा यह पार्क सुगंधित चंदन और सागौन के पेड़ों और बांस के घने पेड़ों से भरा हुआ है। आप यहां बाघों, जलीय पक्षियों, मगरमच्छों और भारतीय हाथियों का दीदार कर सकते हैं। पार्क साल भर खुला रहता है, लेकिन मानसून के दौरान जुलाई और अगस्त में बाढ़ के कारण बंद हो सकता है।

केवलादेव नेशनल पार्क, राजस्थान
जयपुर और आगरा के बीच स्थित, केवलादेव नेशनल पार्क में आपको सैकड़ों पक्षी प्रजातियों को देखने का मौका मिलेगा। 19वीं सदी में यह महाराजाओं के लिए बत्तखों का शिकार स्थल था। बाद में यह सन 1976 में एक पक्षी अभयारण्य और सन 1982 में एक नेशलन पार्क बन गया। इतना ही नहीं अब यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी है। आप यहां रंगबिरंगे सारस, सारस क्रेन, स्पूनबिल और ब्लैक-हेडेड आइबिस को देख सकते हैं।