आज सावन का दूसरा सोमवार है। छत्तीसगढ़ के खजुराहो कहे जाने वाले व ऐतिहासिक भोरमदेव के शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। भोरमदेव मंदिर में सुबह से हजारों की संख्या में कांवड़िये पहुंचे हैं। मंदिर हर-हर महादेव गूंज रहा है।
एमपी के अमरकंटक से मां नर्मदा का जल लेकर कांवडिये पूरे उत्साह, जोश और श्रद्धा के साथ आज सुबह यहां पहुंचे हैं। इनका क्रम पूरे दिनभर चलेगा। बोल बम, बोल बम के जयकारे लगाते हुए कांवडिये धर्मनगरी कवर्धा के बाबा भोरमदेव, बूढ़ा महादेव और जलेश्वर दादा डोंगरिया की ओर बढ़ते जा रहे हैं। अमरकंटक से कांवड़ उठाकर पैदल चल रहे कांवड़ियों के पैरों में छाले भी उनके कदमों को रोक नहीं पा रहे हैं। कांवड़ियों की तपस्या और श्रद्धा को देखते हुए कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा के निर्देश पर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक कांवड़ियों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य और भोजन सहित ठहरने की उचित इंतजाम किया गया है।
इसके साथ ही अमरकंटक से लेकर भोरमदेव मंदिर लगभग 150 किलोमीटर के सफर में कांवड़ियों के लिए 20 से अधिक स्थानों पर ठहरने की विशेष व्यवस्था, अमरकंटक में निशुल्क भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है। जिला बोल बम समन्वय समिति के निशांत झा, सुधीर केशवानी, दौवा गुप्ता ने बताया कि मृत्युंजय आश्रम में कांवड़ियों के लिए भोजन, प्रसादी और उनके ठहरने की निशुल्क व्यवस्था की है। इसके अलावा भोरमदेव मंदिर में भी कांवड़ियों के लिए भी यही व्यवस्था की गई है। ये व्यवस्था पूरे सावन माह तक रहेगी।