रायपुर, 07 अगस्त। दुर्ग के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय का द्वितीय दीक्षांत समारोह आज राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की गरिमामय मौजूदगी में संपन्न हुआ।
बीआईटी दुर्ग के सभागार में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में 68 विद्यार्थियों को शोध उपाधि एवं 48 विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षाओं में प्रवीण्य सूची में प्रथम आने पर स्वर्ण मंडित पदक प्रदान किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू कर रही है। एनईपी 2020 शिक्षा के साथ-साथ कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देता है। इसका उद्देश्य छात्रों को उद्यमिता के लिए तैयार करना है, और उन्हें ’नौकरी चाहने वाले’ बनने के बजाय ’नौकरी निर्माता’ बनाना है। अब आप सभी अपने जीवन के नये क्षेत्र में कदम रख रहे हैं। भविष्य में भारी चुनौतियाँ और अवसर आपका इंतज़ार कर रहे हैं। यह जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने का क्षण है।
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया ऊपर से नीचे तक बदल सकती है, लेकिन कुछ मूल मूल्य कभी नहीं बदलते। वे हैं ईमानदारी, सच्चाई, स्वयं और दूसरों का सम्मान, कड़ी मेहनत, व्यक्तिगत ईमानदारी। आज आपका कर्तव्य है कि ये मूल मूल्य पराजित न हों। सामाजिक समता के बिना विकास को कायम नहीं रखा जा सकता। इस विश्वविद्यालय ने 2015 में अपनी स्थापना के बाद से एक अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई है। इस समय में जहां नवाचार, सामाजिक परिवर्तन के चालक बन रहे हैं, आप जैसे युवा विद्यार्थियों से उम्मीद की जाती है। हमेशा इतना अतिरिक्त प्रयास करें कि आपने समाज से जो हासिल किया है, उससे अधिक समाज को वापस लौटा सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने समारोह को सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति की मांग पर विश्वविद्यालय में यूटीडी और निर्माणाधीन भवन में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा कीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। इससे हमारे विद्यार्थियों को न केवल अपनी रूचि के अनुसार विषय चुनने का अवसर मिलेगा बल्कि वे अपनी दक्षता के अनुसार अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकेंगे अथवा स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य में छत्तीसगढ़ अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर निभाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। विकसित भारत के निर्माण में हम सभी को अपनी दक्षता के अनुसार सहयोग देना है। छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने हेतु प्रयासरत् है। पीएमश्री स्कूलों की स्थापना इसका बेहतरीन उदाहरण है।
मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पीएमश्री योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में पहले चरण में 193 प्राथमिक स्तर के स्कूल और 18 उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूल को विकसित किया जा रहा है। पीएमश्री योजना के तहत तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 52 स्कूल स्वीकृत हुए है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार के आपसी सामंजस्य से हमारी सरकार छत्तीसगढ़ को विकसित राज्यों की कतार में खड़ा कर देगी।
समारोह में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी ने दीक्षांत भाषण दिया। कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने स्वागत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को दीक्षा शपथ दिलाई। इस अवसर पर विधायक ललित चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव एवं रिकेश सेन, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के सचिव शिक्षाविद डॉ. अतुल कोठारी, विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा, कुलसचिव भूपेन्द्र कुलदीप, स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अभिभावकगण, विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थी।