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दिल्ली से गुजरात तक बारिश बनी आफत, उत्तराखंड में भारी वर्षा का अलर्ट जारी

देश के कई राज्यों में भारी वर्षा से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गुजरात में भारी वर्षा से कई जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। राजस्थान में भी भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में वर्षा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।

उत्तराखंड में कई स्थानों पर भारी वर्षा का दौर जारी है। त्रिपुरा में 19 अगस्त से अब तक बाढ़ से लगभग 26 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 1.17 लाख लोग बेघर हो गए हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से गुजरात के नवसारी और वलसाड जिलों की स्थिति काफी खराब हो गई है। मोरबी जिले में पानी में डूबे पुल को पार करते हुए ट्रैक्टर ट्राली के साथ बह गए सात लोगों की तलाश जारी है।

गुजरात व सौराष्ट्र के कई गांव बाढ़ से प्रभावित
सरदार सरोवर नर्मदा बांध के 23 गेट खोल दिए गए हैं। बीते 24 घंटे में एक महिला सहित तीन की मौत की सूचना है। वर्षा से अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, राजकोट के अलावा दक्षिण गुजरात व सौराष्ट्र के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

केंद्र ने दिया गुजरात सरकार को मदद का आश्वासन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को केंद्र सरकार की ओर से हर तरह की मदद का आश्वासन दिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह छह बजे तक पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 356 मिलीमीटर वर्षा नवसारी जिले की खेरगाम में दर्ज की गई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने ओडिशा, बिहार, बंगाल, मेघालय और मिजोरम सहित पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा की चेतावनी जारी की है।

कई घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त
जम्मू के रामबन जिले में फटा बादल, मां और दो बच्चे लापताजम्मू-कश्मीर के रामबन जिला अंतर्गत आने वाली कुमाटे, धरमन और हल्ला पंचायत में सोमवार को बादल फटने से मां और दो बच्चे पानी के तेज बहाव में बहकर लापता हो गए। नाले का जल स्तर अचानक काफी बढ़ जाने से तीन वाहन भी बह गए। दो सरकारी इमारतें और कई घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।

यहां फट गया बादल
लापता बच्चों और उनकी मां को बचाने के लिए बचाव टीम को रवाना कर दिया गया है। बादल दोपहर बाद करीब ढाई बजे फटा। जन्माष्टमी की छुट्टी होने के कारण सोमवार को स्कूल बंद थे। यदि छुट्टी न होती तो दो सरकारी स्कूलों की इमारतों के चपेट में आने से बच्चे और स्कूल का स्टाफ भी बाढ़ की चपेट में आ जाता।