मायावती ने बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज यानी मंगलवार (27 अगस्त) को लखनऊ बसपा कार्यालय में बुलाई है। इसमें बसपा प्रमुख मायावती का एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना तय माना जा रहा है। हर 5 साल पर सितंबर में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। मायावती 18 सितंबर 2003 से लगातार चुनी जा रही है। वहीं राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के साथ ही यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी पर भी मंथन होगा।
बैठक में चुनाव प्रचार की रणनीति पर भी होगी चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार. राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद इस बैठक के बाद चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेंगे। पार्टी उत्तर प्रदेश में 6 सीटों पर बतौर विधानसभा क्षेत्र प्रभारी प्रत्याशियों के नाम तय कर चुकी है। इन सीटों पर चल रही तैयारी के साथ बची सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी। बसपा ने हरियाणा में इन्हीं लोगों के साथ गठबंधन किया है। वहीं महाराष्ट्र में भी किसी स्थानीय पार्टी से गठबंधन की संभावनाओं पर बैठक में चर्चा होगी।
मायावती ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना
आपको बता दें कि बीते सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान् केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था। तभी फिर मान्य. श्री कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके मा. गृह मन्त्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी। क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहाँ यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यन्त्र बीएसपी ने फेल कर दिया था।
इसके साथ मायावती ने आगे लिखा कि साथ ही, उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से बीजेपी सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाने में जो अपना दायित्व निभाया है तो इसकी कांग्रेस को बीच-बीच मे तकलीफ क्यों होती रहती है, लोग सचेत रहें। इसके इलावा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केन्द्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है, जिसकी पार्टी वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है। लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे।