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बिहार में उफान पर नदियां: जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश

बीते शुक्रवार यानी 27 सिंतबर से नेपाल में लगातार भारी बारिश जारी है, जिसके चलते नेपाल प्रभाग से उद्गमित होने वाली गंडक, कोसी, महानंदा, बागमती आदि नदियों में इस मॉनसून के अधिकतम जलश्राव के प्रवाहित होने की संभावना है। इसे लेकर बिहार जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड पर है। विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को सभी आवश्यक ऐहतियाती कार्रवाई करने तथा जिला प्रशासन के स्तर से गश्ती सुनिश्चित कराने हेतु निर्देश दिया है।

कोसी बराज, वीरपुर पर एहतियातन आवागमन प्रतिबंधित
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी प्रेस विज्ञाप्ति के अनुसार, 28 सिंतबर को गंडक बराज, वाल्मीकीनगर से 5.38 लाख क्यूसेक एवं कोशी बराज, वीरपुर से 5.79 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है, जिनमें बढ़ने की प्रवृति है। जबकि नेपाल प्रभाग में गंडक बराज, वाल्मीकीनगर के उर्द्धवप्रवाह में अवस्थित देवघाट स्थल पर 5.40 लाख क्यूसेक एवं कोशी बराज, वीरपुर के उर्द्धवप्रवाह में अवस्थित बराहक्षेत्र स्थल पर 4.99 लाख क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है। कोसी बराज, वीरपुर पर एहतियातन आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी क्षेत्रीय अभियंता तटबंधों / संरचनाओं के सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील / अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प कर रहे है। सभी स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण कराया गया है। तटबंध के प्रत्येक किमी. पर तटबंध श्रमिकों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

आगामी 72 घंटों के लिए “War Room” स्थापित
साथ ही आवश्यकतानुसार संवेदनशील / अतिसंवेदनशील स्थलों के बेहतर पर्यवेक्षण हेतु 45 कनीय अभियंताओं, 25 सहायक अभियंताओं, 17 कार्यपालक अभियंताओं एवं 03 अधीक्षण अभियंताओं की प्रतिनियुक्ति भी की गई है। आपदा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग के नियंत्रणाधीन एवं अभियंता प्रमुख स्तर के पदाधिकारी के प्रभार में 24 घंटे एवं 03 पाली में आगामी 72 घंटों के लिए कार्यरत रहने हेतु “War Room” स्थापित किया गया है। उक्त “War Room” प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग के नेतृत्व एवं मार्गनिर्देशन में बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पूर्वानुमान एवं माडलिंग, यांत्रिक एवं जन-सम्पर्क कार्य तथा प्रबंधन सहित अन्य सभी मामलों के संबंध में अनुश्रवण एवं कार्रवाई करेगी।

वहीं संभावित आपदा की स्थिति के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन, पश्चिम चम्पारण, गोपालगंज, सारण, पूर्वी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर को सभी आवश्यक ऐहतियाती कार्रवाई करने, तटबंध के नदी भाग में आवासितों को अवगत कराते हुए यथोचित कार्रवाई करने एवं बाढ़ आपदा के लिए जिला प्रशासन के स्तर से गश्ती सुनिश्चित कराने हेतु निदेशित किया गया है। शनिवार को प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में पुनः स्थिति एवं तैयारियों की समीक्षा की गई। वर्त्तमान में राज्यान्तर्गत सभी तटबंध एवं संरचनाएं पूर्णतः सुरक्षित है।