जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 24 सितंबर को आर्मी में तैनात बीकानेर के जवान रामस्वरूप कस्वां की संदिग्ध मौत के मामले में पांच दिन बाद कल सर्व समाज का धरना समाप्त हो गया। सैनिक के परिजनों और ग्रामीणों की ओर से जिन मांगों को लेकर धरना दिया जा रहा था, रविवार को प्रशासन के साथ वार्ता में उन मांगों पर दोनों पक्ष सहमत हो गए। प्रशासन के साथ हुई वार्ता में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, मृतक की पत्नी को 50 लाख की राशि देने, संविदा पर नौकरी देने और शहीद का दर्जा देने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखने के साथ ही जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद मिलिट्री कैंपस से सेना की गाड़ी में जवान की पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए उनके गांव पांचू ले जाया गया।
गौरतलब है कि लगातार 4 दिन से चल रहे धरने के बावजूद वार्ता में सहमति नहीं बनने के बाद शनिवार को धरने में शामिल होने के लिए बीकानेर पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार से बीकानेर कलेक्ट्रेट पर महापड़ाव की चेतावनी दी थी। इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से भी फोन पर बातचीत की। ठोस आश्वासन मिलने के बाद रामस्वरूप कस्वां के परिजन सहमत हुए और शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए, जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।