उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार को कहा कि राज्य में किसी भी तरह का जनसांख्यिकीय बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धामी ने यहां आयोजित दशहरा महोत्सव में हिस्सा लेते हुए भगवान राम के जीवन की घटनाओं के साथ राज्य के ‘‘घनिष्ठ संबंधों” का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ‘पवित्र’ भूमि के सनातन स्वरूप और इसकी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की पवित्रता की हमेशा रक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में किसी भी प्रकार का जनसांख्यिकीय बदलाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में ऐसे कई स्थान हैं जो भगवान राम, देवी सीता, लक्ष्मण और हनुमान से संबंधित हैं। धामी ने कहा, ‘‘भगवान हनुमान चमोली जिले के द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी लेकर गए थे। भगवान श्री राम के कुल गुरु वशिष्ठ की तपोस्थली भी ऋषिकेश में ही स्थित है। राज्य के कोने-कोने में रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का संरक्षण हमें एकजुट और मजबूत बनाता है।”
“अयोध्या में जल्द होगा उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण”
धामी ने दशहरा को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह हमें रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी व्यक्ति के अंत और भगवान राम द्वारा दर्शाए गए आदर्श जीवन के गुणों की विजय की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही अयोध्या में उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण कराने जा रही है। धामी ने कहा कि पॉलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य का नाम बदलकर देवी सीता के नाम पर सीतावानी वन्यजीव अभयारण्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के दिव्य स्वरूप को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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