पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल द्वारा मंडल के बालोदा स्टेशन के नजदीक बनाए जा रहे अंडरब्रिज क्रमांक 234 के निर्माण के लिए रेलवे ने रेलवे क्रॉसिंग रास्ते का गेट बंद कर दिया है। इससे इंदौर (Indore) के आसपास के किसानों को अपने खेती किसानी के कार्य के लिए खेतों में जाने के लिए 15 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि बालोदा टाकून और आसपास के 10 गांवो के किसान इस अंडर ब्रिज बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों ने रेलवे के अधिकारियों को भी ज्ञापन दिया था तथा होने वाली समस्याओं से अवगत कराया था। साथ ही कलेक्टर ने भी रेलवे को स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसानों का रास्ता बंद नहीं होना चाहिए तथा जल जमाव भी नहीं होना चाहिए लेकिन रेलवे विभाग कलेक्टर के उक्त आदेश का उल्लंघन कर रहा है।
सांवेर की तीन पंचायतों ने ली आपत्ति
किसानों ने बताया कि समीप ही बने एक और अंडर पास को देखकर होने वाली समस्या को समझा जा सकता है। अंडर ब्रिज के निर्माण को लेकर सांवेर तहसील की तीन पंचायत और 10 गांवों के ग्रामीणों ने आपत्ति की है लेकिन रेलवे द्वारा इस विरोध और आपत्ति को नजरअंदाज कर अंडर ब्रिज का निर्माण करने की कोशिश की जा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, चंदन सिंह बड़वाया, शैलेंद्र पटेल, लाखन सिंह डाबी और जितेंद्र पवार ने किसानों की समस्याएं सामने रखी। उन्होंने कहा कि रेलवे में अब तक जहां-जहां अंडर ब्रिज बनाए हैं वहां से आवागमन बाधित हो रहा है तथा पानी भर जाने से गाड़ियों से निकलना भी मुश्किल है। किसान भुक्तभोगी हैं इसलिए ही वे इस अंडरब्रिज के बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसलिए किसानों की परेशानी को देखते हुए इस अंडरब्रिज का निर्माण तत्काल रोका जाए।
आंदोलन करेंगे किसान
किसान नेताओं ने कहा कि जहां-जहां ब्रिज बने हैं वहां वहां जल जमाव के अतिरिक्त अंधेरा भी रहता है, उससे कभी भी कोई घटना हो सकती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि अंडर ब्रिज का निर्माण करने की फिर भी कोशिश होती है किसान एकजुट होकर आंदोलन करेंगे।
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