गोपाष्टमी पर्व का हिंदू धर्म में बेहद धार्मिक महत्व है। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ दिन पर लोग भगवान कृष्ण और गौ माता की पूजा करते हैं। इस वर्ष गोपाष्टमी (Gopashtami 2024) 09 नवंबर यानी कल मनाई जाएगी। श्री कृष्ण को गौ माता अति प्रिय हैं। ऐसे में अगर आप मुरलीधर की विशेष कृपा चाहते हैं, तो इस शुभ दिन पर गौ माता को हरा चारा खिलाएं और उनकी विधिवत पूजा करें।
साथ ही नंदनी (गाय माता) के 108 नामों का जाप करें, जो बेहद कल्याणकारी माने गए हैं, जो भक्त ऐसा करते हैं, उनके घर पर बरकत हमेशा बनी रहती है, तो चलिए यहां पर पढ़ते हैं।
।।श्री गौ अष्टोत्तर नामावली।। (Shri Gau Ashtottara Namavali)
ॐ कपिला नमः
ॐ गौतमी नमः
ॐ सुरभी नमः
ॐ गौमती नमः
ॐ नंदनी नमः
ॐ श्यामा नमः
ॐ वैष्णवी नमः
ॐ मंगला नमः
ॐ सर्वदेव वासिनी नमः
ॐ महादेवी नमः
ॐ सिंधु अवतरणी नमः
ॐ सरस्वती नमः
ॐ त्रिवेणी नमः
ॐ लक्ष्मी नमः
ॐ गौरी नमः
ॐ वैदेही नमः
ॐ अन्नपूर्णा नमः
ॐ कौशल्या नमः
ॐ देवकी नमः
ॐ गोपालिनी नमः
ॐ कामधेनु नमः
ॐ आदिति नमः
ॐ माहेश्वरी नमः
ॐ गोदावरी नमः
ॐ जगदम्बा नमः
ॐ वैजयंती नमः
ॐ रेवती नमः
ॐ सती नमः
ॐ भारती नमः
ॐ त्रिविद्या नमः
ॐ गंगा नमः
ॐ यमुना नमः
ॐ कृष्णा नमः
ॐ राधा नमः
ॐ मोक्षदा नमः
ॐ उतरा नमः
ॐ अवधा नमः
ॐ ब्रजेश्वरी नमः
ॐ गोपेश्वरी नमः
ॐ कल्याणी नमः
ॐ करुणा नमः
ॐ विजया नमः
ॐ ज्ञानेश्वरी नमः
ॐ कालिंदी नमः
ॐ प्रकृति नमः
ॐ अरुंधति नमः
ॐ वृंदा नमः
ॐ गिरिजा नमः
ॐ मनहोरणी नमः
ॐ संध्या नमः
ॐ ललिता नमः
ॐ रश्मि नमः
ॐ ज्वाला नमः
ॐ तुलसी नमः
ॐ मल्लिका नमः
ॐ कमला नमः
ॐ योगेश्वरी नमः
ॐ नारायणी नमः
ॐ शिवा नमः
ॐ गीता नमः
ॐ नवनीता नमः
ॐ अमृता अमरो नमः
ॐ स्वाहा नमः
ॐ धंनजया नमः
ॐ ओमकारेश्वरी नमः
ॐ सिद्धिश्वरी नमः
ॐ निधि नमः
ॐ ऋद्धिश्वरी नमः
ॐ रोहिणी नमः
ॐ दुर्गा नमः
ॐ दूर्वा नमः
ॐ शुभमा नमः
ॐ रमा नमः
ॐ मोहनेश्वरी नमः
ॐ पवित्रा नमः
ॐ शताक्षी नमः
ॐ परिक्रमा नमः
ॐ पितरेश्वरी नमः
ॐ हरसिद्धि नमः
ॐ मणि नमः
ॐ अंजना नमः
ॐ धरणी नमः
ॐ विंध्या नमः
ॐ नवधा नमः
ॐ वारुणी नमः
ॐ सुवर्णा नमः
ॐ रजता नमः
ॐ यशस्वनि नमः
ॐ देवेश्वरी नमः
ॐ ऋषभा नमः
ॐ पावनी नमः
ॐ सुप्रभा नमः
ॐ वागेश्वरी नमः
ॐ मनसा नमः
ॐ शाण्डिली नमः
ॐ वेणी नमः
ॐ गरुडा नमः
ॐ त्रिकुटा नमः
ॐ औषधा नमः
ॐ कालांगि नमः
ॐ शीतला नमः
ॐ गायत्री नमः
ॐ कश्यपा नमः
ॐ कृतिका नमः
ॐ पूर्णा नमः
ॐ तृप्ता नमः
ॐ भक्ति नमः
ॐ त्वरिता नमः