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इंदौर: पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बांग्लादेश से लिए सुझाव

संभागायुक्त सिंह ने धार जिले के भैसोला में विकसित किए जा रहे पीएम मित्रा पार्क की प्रगति का जायजा लिया, समय सीमा में कार्यों को पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करने के दिए निर्देश

इंदौर के पास धार जिले के भैंसोला में करीब 2177 एकड़ भूमि पर पी.एम. मित्रा पार्क बनाया जा रहा है। इस पार्क के निर्माण के लिए 6,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इस पार्क से करीब दो लाख युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस पार्क का ले-आउट बांग्लादेश और इथियोपिया में कपड़ा इकाइयों वाले उद्योगों से लिए सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। इस पार्क में कताई, बुनाई, प्रोसेसिंग, रंगाई, छपाई, और परिधान निर्माण जैसी गतिविधियां होंगीं। इस पार्क के माध्यम से लागत को कम किया जाकर वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कपड़ा क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला को मजबूत करते हुए भारत को वैश्विक वस्त्र मानचित्र पर मजबूती प्रदान करना है।

संभागायुक्त ने काम में तेजी लाने के लिए कहा
संभागायुक्त दीपक सिंह यहां पहुंचे और कार्यों को तय समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर इंदौर रेंज के आईजी अनुराग, कलेक्टर प्रियंक मिश्र, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, कार्यपालन यंत्री एमपीआईडीसी एसएस ठेनुवा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। संभागायुक्त सिंह ने पी.एम. मित्रा पार्क के तहत किए जाने वाले कार्यों एवं अब तक हुए विकास कार्यों की स्थिति और प्रगति का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

2177 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 5 एफ विजन (फार्म टू, फाइबर टू, फैक्ट्री टू, फैशन टू, फॉरेन) को साकार करने के लिए पी.एम. मित्रा पार्क को विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने देश के सात राज्य में सात पी.एम. मित्रा पार्क स्वीकृत किए हैं। इनमें मध्यप्रदेश में भी एक पी.एम. मित्रा पार्क शामिल है। इसमें कपास से धागा, धागे से वस्त्र निर्माण और तैयार वस्त्र की बिक्री एवं निर्यात का कार्य एक स्थान पर होगा। मध्यप्रदेश में पी.एम. मित्रा पार्क इंदौर संभाग के धार जिले में बदनावर के पास स्थित भैंसोला में लगभग 2177 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है। इस स्थान को पीएम मित्रा टेक्सटाइल पार्क के लिए सर्वाधिक अनुकूल मानते हुए इसका चयनित किया गया है।

रोजगार में 90 प्रतिशत से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद
पार्क की भूमि एम.पी.आई.डी.सी. के आधिपत्य में है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1670 करोड़ रुपये है। इस पार्क के विकास के लिए केन्द्र सरकार 2 चरण में 500 करोड़ रुपए की राशि प्रदान करेगी। पार्क में मध्यप्रदेश की उद्योग संवर्धन नीति में मिलने वाले समस्त लाभ उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके साथ ही भारत सरकार ने 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को टर्न ओवर का 3 प्रतिशत (अधिकतम 15 करोड़ एवं 30 करोड़ तीन वर्ष तक प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस पार्क के लिए केन्द्र और मध्यप्रदेश शासन के मध्य एक एस.पी.वी. का गठन किया गया है, जिसमें राज्य शासन की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत एवं केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। टेक्सटाइल पार्क में निवेश के लिए 19 इकाइयों ने रूचि व्यक्त की है। इनके द्वारा करीब 6 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि का निवेश किया जाना प्रस्तावित है। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग दो लाख रोजगार प्राप्त होंगे। टेक्सटाइल एवं गारमेन्टिंग सेक्टर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अशिक्षित और अकुशल व्यक्तियों के लिए भी रोजगार के भरपूर अवसर होते हैं। इनमें 90 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शामिल होती हैं। इस नाते महिला सशक्तिकरण के दृष्टि से भी टेक्सटाइल पार्क का बहुत महत्व रहेगा।