संजय मल्होत्रा आरबीआई के नए गवर्नर होंगे। वह शक्तिकांत दास की जगह लेंगे जिनका कार्यकाल आज यानी 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है। संजय मल्होत्रा अगले तीन साल के आरबीआई गवर्नर रहेंगे। मल्होत्रा टैक्सेशन और फाइनेंस के महारथी माने जाते हैं। लेकिन उनके सिर पर कांटों भरा ताज रहने वाला है क्योंकि खुदरा महंगाई आसमान पर है और इकोनॉमी सुस्त पड़ रही है।
संजय मल्होत्रा उस समय भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं जब आरबीआई के सामने यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि वह महंगाई पर ज्यादा ध्यान दे या सुस्त होती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए ब्याज दरों को कम करे। विगत एक महीनों के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ब्याज दरों को घटाने की मांग की है।
जिस तरह से दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर घटी है, उससे कर्ज को सस्ता करके आर्थिक विकास को रफ्तार देने की मांग और तेज हो गई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने पिछले शुक्रवार को लगातार 11वीं बार ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला किया है।
डिजिटल करेंसी पर भी लेना होगा फैसला
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के कार्यकाल में कई अहम फैसले होने की संभावना है। इसमें क्रिप्टोकरेंसी से लेकर बैंकिंग सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल, डिजिटल करेंसी का विस्तार जैसे मुद्दे हैं। आरबीआई ने इन मुद्दों पर आतंरिक विमर्श शुरू किया है। इसके बावजूद महंगाई पर काबू पाना आरबीआई का अहम मकसद रहेगा।
इस बात को पिछली मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद जारी बयान में भी आरबीआई गवर्नर डा. दास ने कही है। उन्होंने कहा, ‘महंगाई को निर्धारित लक्ष्य के भीतर लाना बैंक का केंद्रीय कर्तव्य बना रहेगा क्योंकि यह बेलगाम हुई तो देश की आर्थिक विकास दर पर काफी उल्टा असर होगा।’ महंगाई बेकाबू होने का सबसे ज्यादा खामियाजा देश की गरीब जनता को उठाना पड़ता है। न, गवर्नर को भी महंगाई दर को निर्धारित लक्ष्य चार प्रतिशत या इससे नीचे लाने की कोशिश करनी होगी।
कौन हैं संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra)?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह मूलत: राजस्थान के ही रहने वाले हैं। वह अक्टूबर 2022 में रेवेन्यू डिपार्टमेंट में नियुक्त हुए थे। इससे पहले मल्होत्रा वित्तीय सेवा विभाग में सचिव थे। वह सरकारी कंपनी REC लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी भी रह चुके हैं।
मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। अपने तीन दशक के करियर में मल्होत्रा पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में सेवाएं दे चुके हैं।