सीरिया में इन दिनों हालात काफी चिंताजनक हैं। विद्रोही बलों ने राष्ट्रपति बशर असद की सत्ता को उखाड़ फेंका और इसके दो दिन के बाद ही भारत ने मंगलवार को सीरिया से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला है। ये भारतीय लेबनान होते हए भारत पहुंचेंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद दमिश्क और बेरूत में भारतीय दूतावासों द्वारा समन्वित निकासी को प्रभावी बनाया गया।
विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
देर रात एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने सीरिया में हालिया घटनाक्रम के बाद आज 75 भारतीय नागरिकों को सीरिया से निकाला। सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुंच गए हैं और उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौट आएंगे। दमिश्क और बेरूत में भारतीय दूतावासों द्वारा समन्वित निकासी, सुरक्षा स्थिति के हमारे आकलन और सीरिया में भारतीय नागरिकों के अनुरोध के बाद प्रभावी की गई थी
सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेगी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेशों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। आगे बयान में कहा कि सीरिया में बचे भारतीय नागरिकों को दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी गई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रखना जारी रखेगी।
रविवार को विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया था
बता दें कि रविवार को विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति असद को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके साथ ही सीरिया पर 53 वर्षों से असद परिवार का शासन खत्म हो गया था। इस बदले हालात में इजरायल ने अपनी सेना को उस बफर जोन में भेज दिया था, जहां दोनों देशों के बीच कोई सैन्य गतिविधि न करने का समझौता था।
मॉस्को में शरण लिए हुए हैं असद
रूसी सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें यहां शरण दी गई है। उनका लगभग 14 साल का कार्यकाल गृह युद्ध, रक्तपात और अपने राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर कार्रवाई के लिए जाना जाता है। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह सीरिया में चल रहे घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और उस देश में शांतिपूर्ण और समावेशी सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की वकालत की है।
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