राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एनसीआर के प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आरआरटीएस को दिल्ली के चारों और के शहरों से जोड़ा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नमो भारत के साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक के सेक्शन का शुभारंभ करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को एनसीआर के प्रमुख शहरों से जोड़ने के लिए रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आरआरटीएस को दिल्ली के चारों और के शहरों से जोड़ा जाएगा। इससे न केवल लोगों के समय की बचत होगी, बल्कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में भी राहत मिलेेगी।
एनसीआर से दिल्ली में रोजाना आवाजाही करने वाले लोगों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगा। मौजूदा समय में आरआरटीएस के फेज-1 में तीन कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। इसमें से दिल्ली-मरेठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। शेष दो दिल्ली-अलवर और दिल्ली पानीपत कॉरिडोर पर भी जल्द काम शुरू होगा। वहीं, फेज-दो में पांच कॉरिडोर प्रस्तावित हैं। इस तरह से आरआरटीएस के आठ कॉरिडोर के तैयार हो जाने से दिल्ली-एनसीआर में मास ट्रांजिट सिस्टम दुनिया के अन्य शहरों से भी बड़ा हो जाएगा। दिल्ली के चारों ओर 100 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी प्रमुख शहर आरआरटीएस से जुड़ेंगे।
291 किमी की लंबाई के होंगे तीन कॉरिडोर
दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर 82.15 किलोमीटर लंबा है। दिल्ली के हिस्से में 14 किलोमीटर तो यूपी के हिस्से में करीब 68 किलोमीटर है। फेज-1 में प्रस्तावित दो अन्य कॉरिडोर दिल्ली से पानीपत कॉरिडोर की लंबाई 103.02 किमी, जबकि अलवर और सराय काले खां के बीच के कॉरिडोर की लंबाई 106 किमी है। दिल्ली से पानीपत और अलवर के काॅरिडोर का निर्माण होने के बाद दिल्ली-एनसीआर में आरआरटीएस के सभी कॉरिडाेर की कुल लंबाई 291 किमी से अधिक होगी। बताया जा रहा है कि इन दोनों कॉरिडोर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा चुकी है। केंद्र सरकार की हरी झंडी के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों से होगी कनेक्टिविटी
मौजूदा समय में दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर आनंद विहार, न्यू अशोक नगर और सराय काले खां मेट्रो स्टेशन से जुड़ा हुआ है। आरआरटीएस के दो अन्य कॉरिडोर भी दिल्ली मेट्रो से जुड़ेंगे। इसमें सराय काले खां से अलवर कॉरिडोर आईएनए, मुनिरका और एयरोसिटी समेत कई मेट्रो स्टेशनों से जुड़ेगा। साथ ही, पानीपत जाने वाला कॉरिडोर भी कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के साथ अन्य स्टेशन से जुड़ेगा। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत के हिसाब से दिल्ली मेट्रो की कई लाइनों के साथ आरआरटीएस कॉरिडोर जुड़ेंगे, ताकि लोगों की आवाजाही बिना किसी रुकावट के हो सके।
मास ट्रांजिट सिस्टम दुनिया के कई शहरों को करेगा पीछे
आरआरटीएस के फेज-1 व दो के सभी कॉरिडोर के पूरा हो जाने और दिल्ली मेट्रो के फेज-चार के सभी काॅरिडोर का निर्माण होने के बाद दिल्ली-एनअीआर में मास ट्रांजिट सिस्टम की लंबाई लगभग एक हजार किलोमीटर की हो जाएगी। इससे दुनिया के कई बड़े शहर दिल्ली-एनसीआर के मास ट्रांजिट सिस्टम में पीछे हो जाएंगे। अभी मौजूदा समय में आरआरटीएस के दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर 42 किलोमीटर के हिस्से पर नमो भारत ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। रविवार को इसके 13 किलोमीटर के खंड पर भी ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। वहीं, दिल्ली मेट्रो का एनसीआर में 393 किलोमीटर का नेटवर्क है।
6 किमी का हिस्सा है भूमिगत
साहिबाबाद से न्यू अशोक नगर तक के 13 किलोमीटर के सेक्शन में से 6 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है जिसमें कॉरिडोर का प्रमुख स्टेशन आनंद विहार शामिल है। यह पहली बार है जब नमो भारत ट्रेनें भूमिगत सेक्शन में दौड़ेंगी। इस सेक्शन में दूसरा स्टेशन न्यू अशोक नगर एलिवेटेड है। अधिकारियों ने बताया कि मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन नमो भारत परियोजना का मूल सिद्धांत है। नमो भारत स्टेशनों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि उन्हें जहां भी संभव हो, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और मेट्रो स्टेशन जैसे मौजूदा सार्वजनिक परिवहन के साधनों से सहजता से एकीकृत किया जा सके।
परिवहन के 6 माध्यमों के बीच मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन
आनंद विहार के आरआरटीएस स्टेशन को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह सार्वजनिक परिवहन के मौजूदा 6 माध्यमों के बीच मल्टीमॉडल इंटीग्रेशन की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें स्वामी विवेकानंद (आनंद विहार) और कौशांबी स्थित आईएसबीटी, मेट्रो के दो कॉरिडोर (पिंक और ब्लू लाइन), आनंद विहार रेलवे स्टेशन और सिटी बस स्टैंड शामिल हैं। इस स्टेशन के माध्यम से मेरठ व दिल्ली के यात्री मेट्रो, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन द्वारा देश के किसी भी कोने में निर्बाध यात्रा कर सकेंगे।
न्यू अशोक नगर में एफओबी के जरिये ब्लू लाइन से जोड़ा
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर न्यू अशोक नगर मेट्रो स्टेशन को 20 मीटर की ऊंचाई पर क्रॉस करता है। इस स्टेशन को 90 मीटर लंबे एफओबी से दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन के साथ जोड़ा गया है। यात्री स्टेशन से बाहर सड़क पर निकले बिना ही मेट्रो के न्यू अशोक नगर स्टेशन पहुंच सकेंगे। यहां पर दो पार्किंग का निर्माण किया गया है जिसकी कुल वाहन क्षमता लगभग 500 वाहनों से अधिक है। ट्रेन सेवाओं के साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए यहां वाणिज्यिक केंद्र बनाने की भी योजना बनाई गई है।