Wednesday , November 5 2025

मेला माघी में उमड़ी संगत: मुक्तसर में गुरुद्वारा साहिब के पवित्र सरोवर में लगाईं डुबकियां

लोहड़ी की रात करीब बारह बजे से ही संगत ने मुक्तसर में प्रवेश शुरू कर दिया था। रात से ही गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर स्नान का सिलसिला शुरु हो गया था, जो मंगलवार दिन भर चलता रहा। दिन भर लाखों की तादात में संगतों ने पहुंचकर जहां स्नान पश्चात गुरुघर में हाजरी लगवाई। वहीं चालीस मुक्तों को नमन किया और गुरु यश श्रवण किया।

दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह के चालीस मुक्तों की याद में मेला माघी मुक्तसर में मंगलवार को प्रारंभ हो गया है। माघी के मौके पर बड़ी गिनती में संगतों ने गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब पहुंचकर जहां पवित्र सरोवर में स्नान कर पुण्य-लाभ कमाया। वहीं अन्य गुरुद्वारा साहिबानों के दर्शन कर जीवन सफल बनाया।

गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब में गत रविवार को श्री अखंड पाठ साहिब का प्रकाश हुआ था। जिसका भोग माघी वाले दिन सुबह साढ़े सात बजे डाला गया।

संगतों ने गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब के अलावा गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब, गुरुद्वारा तंबू साहिब, गुरुद्वारा रकाबसर साहिब, गुरुद्वारा दातनसर साहिब, गुरुद्वारा तरनतारन साहिब समेत अन्य गुरु घरों में पहुंचकर गुरु साहिबानों के दर्शन किए। गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब की परिक्रमा में सिख इतिहास को दर्शाती प्रदर्शनी भी लगाई गई। दिन भर शहर में जगह-जगह विभिन्न प्रकार के लंगर भी चलते रहे।

आज निकलेगा नगर कीर्तन, इच्छुक संगतों को कराया जाएगा अमृतपान
रवायती तौर पर मेला माघी 14 व 15 जनवरी दो दिन चलता है, मगर मलोट रोड पर मनोरंजन मेला के चलते करीब दो माह तक मुक्तसर में माघी मेले की रौनक लगी रहती है। गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब के मैनेजर बलदेव सिंह ने बताया कि 15 जनवरी को गुरुद्वारा टिब्बी साहिब में विशेष ढाडी समारोह होगा। जबकि गुरुद्वारा तंबू साहिब में 11 बजे इच्छुक संगतों को अमृतपान कराया जाएगा।

वहीं नगर कीर्तन निकाले जाने के साथ मेला माघी रवायती तौर पर संपन्न हो जाएगा। ये नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब के गेट नंबर चार से प्रारंभ होगा जो शहर के विभिन्न बाजारों से होता हुआ गुरुद्वारा टिब्बी साहिब पहुंचेंगा। जहां से वापिस गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब पहुंचकर संपन्न होगा।

महला निकाल निहंग सिंह करेंगे शौर्य का प्रदर्शन
एक तरफ जहां 15 जनवरी को गुरुद्वारा साहिब प्रबंधक कमेटी की ओर से नगर कीर्तन सजाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर विभिन्न राज्यों से आए निहंग सिंहों द्वारा महला निकाल अपने शौर्य व जाहो-जलाल का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान जहां हाथी-घोड़ों पर सवार निहंग सिंह आकर्षण का केंद्र बने रहेंगे। वहीं हथियारों, बंदूकों व शस्त्रों सहित महला निकाल रहे निहंग सिंह भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खिंचते हैं।

घुड़दौड़ भी रहेगी आकर्षण का केंद्र
टिब्बी साहिब रोड पर गुरुद्वारा गुरु का खूह साहिब के पास निहंग सिंहों द्वारा माघी के अगले दिन घुड़दौड़ का आयोजन होता है। जिसमें देश भर से पहुंचे निहंग सिंह घोड़ों पर सवार होकर नेजेबाजी के हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं। ये करतब देखने के लिए भी आज के दिन बड़ी संख्या में संगत इस जगह पहुंचती है। राज्य के अलावा अन्य प्रदेशों से पहुंचने वाले निहंग सिंह दो दिन मेले में अपनी शक्ति व शौर्य का प्रदर्शन करने के बाद माघी मेला संपन्न होने पर ही अपने राज्यों को लौटने शुरु हो जाते हैं।

नूरदीन की कब्र पर जूते बरसाने पहुंचती है संगत
15 जनवरी को गुरुद्वारा श्री दातनसर साहिब के पास स्थित नूरदीन की कब्र पर संगत जूते बरसाने के लिए पहुंचती है। कहते हैं कि इस जगह पर जब गुरु गोबिंद सिंह जी दातुन कर रहे थे, तब नूरदीन ने पीछे से बरछे से उन पर वार करना चाहा था। मगर गुरु जी ने अपना बचाव करते हुए हाथ में पकड़े लोटे से ही वार कर उसे मार गिराया था। तब से इस जगह पर मेला माघी पर संगतों का हुजूम नूरदीन की मजार पर पहुंचता है और कब्र पर जमकर जूते बरसाते हुए गुरु जी प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट
करता है। आज भी मजार पर संगत पहुंचेगी।