इंदौर में रविवार सुबह स्वस्थ्य जीवन शैली और समानता का संदेश देने के लिए हजारों धावक दौड़े। 21 किलोमीटर की इस मैराथन में बच्चे, बुर्जुग, महिलाएं भी शामिल थे। इस बार मैराथन की धीम महिलावर्ग को समर्पित करते हुए ‘रन फाॅर हर’ रखी गई थी। नेहरु स्टेडियम से शुरू हुई दौड़ में तीन, पांच, दस और 21 किलोमीटर तक धावक दौड़े। धावकों के पैरों में इलेक्ट्राॅनिक चीप लगाई गई थी। उसकी मदद से रनिंग टाइम रिकार्ड होता रहा।
स्टेडियम से यशवंत क्लब, रीगल, राजवाड़ा होते हुए फिर धावक फिर स्टेडियम पहुंचे। इस मौके पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर स्वच्छता के मामले में नंबर वन है।
अब बेहतर स्वास्थ्य और फिटनेस के मामले में भी पूरे देश में संदेश दे रहा है। शहर की सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है। शहर की आबो हवा को ठीक रखने के लिए भी हमें ध्यान देना होगा।
इस तरह के आयोजन बेहतर जीवशैली के लिए प्रेरित करते है। उन्होंने कहा कि जब हम दौड़ते है तो शरीर स्वस्थ्य रहता है। हमारा उद्देश्य अपने साथ दोस्तों और पड़ोसियों को स्वस्थ्य रखने का होना चाहिए।
घुटने की सर्जरी करा चुके लोग भी दौड़े
इस मैराथन में 200 लोग वे थे और जिनके घुटने की सर्जरी हो चुकी है और अब वे पूरी तरह ठीक है। उन्होंने कहा कि मैराधन का उद्देश्य महिला धावकों को अच्छा वातावरण देना था। यह सार्थक भी रहा। कई महिलाएं भी दौड़ में शामिल हुई।
मैराथन के लिए सुबह कई मार्गों का ट्रैफिक परिवर्तित किया गया था, हालांकि सुबह 9 बजे तक मैराथन समाप्त हो गई, इसलिए ट्रैफिक ज्यादा बाधित नहीं हुआ। धावकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था जिमखाना मैदान, पीसी सेठी अस्पताल के समीप की गई थी।
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