रायपुर 10जनवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नक्सल समस्या के निराकरण और शराब बंदी के मसले पर हमारी सरकार जनता को विश्वास में लेकर काम करेगी।
श्री बघेल ने आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है, लेकिन उसे दूर करने के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि चाहे नक्सल नीति हो या शराब बंदी की नीति, हम जनता को विश्वास में लिए बिना कोई कदम नहीं उठाएंगे।
उन्होने कहा कि जनता ने हमें पांच वर्ष के लिए जनादेश दिया है। जनता से किए गए सभी वायदों को हम पूरा करेंगे। हमारी सरकार के गठन को अभी केवल 20-25 दिन हुए हैं, लेकिन इतने कम दिनों में भी हमने प्रदेशवासियों से किए गए वायदों के अनुरूप कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और उन पर अमल भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में किसानों की कर्ज माफी का उल्लेख करते हुए कहा कि लगभग 16 लाख 50 हजार किसानों के 6100 करोड़ रूपए के ऋण माफ किए गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ में कभी किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया था।
श्री बघेल ने अपनी सरकार के विगत 20 दिनों में लिए गए फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि तेन्दूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। शराबबंदी लागू करने के लिए नई कमेटी बनाने का निर्णय भी लिया गया है। हमारी सरकार ने वनाधिकार मान्यता पत्रों के निरस्त हो चुके लगभग चार लाख आवेदनों की दोबारा जांच करने का भी निर्णय लिया है। जिला खनिज निधि (डीएमएफ) के कार्यों की फिर से समीक्षा की जाएगी।
उन्होने कहा कि चिटफंड कंपनियों के अभिकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज तीन सौ से ज्यादा प्रकरणों को वापस लेने का भी निर्णय लिया गया है। निवेशकों का पैसा भी वापस दिलाया जाएगा। खेतों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था की जाएगी। पशुओं के लिए चारागाह विकसित किए जाएंगे। रबी फसलों को पानी दिया जाएगा। इससे लगभग एक लाख हेक्टेयर के रकबे में सिंचाई होगी।श्री बघेल ने कहा कि शिक्षाकर्मियों, पंचायत कर्मियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सबकी चिंता सरकार करेगी।